PATNA : कोरोना संकट की महामारी को रोकने के लिए पूरे भारत में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई है. इसके बावजूद भी अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों के लिए भारतीय रेल की ओर से ” श्रमिक स्पेशल” ट्रेनें चलाई जा रही हैं. सरकार की ओर से लगभग 700 स्टेशनों के लिए ट्रेन चलाने की तैयारी की गई है. रेल मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक एक दिन में लगभग 300 ट्रेनें का परिचालन किया जायेगा.
भारतीय रेल मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक प्रवासियों के सुरक्षित और जल्द घर पहुंचाने के लिए देश में रेलवे से जुड़े सभी जिलों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की तैयारी की गई है. रेल मंत्री पियूष गोयल ने देश के सभी जिलों के डीएम से फंसे हुए मजदूरों और उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचने की एक लिस्ट तैयार करने को कहा है. उस लिस्ट को राज्य नोडल अधिकारी के माध्यम से रेलवे को सौंपा जायेगा.
भारतीय रेलवे को एक दिन में लगभग 300 “श्रमिक स्पेशल” ट्रेन चलाने की क्षमता मिली है. देश भर के विभिन्न जिलों में फंसे प्रवासियों को गृह राज्यों तक अधिक आसानी से और आराम से पहुंचा जा सकता है. भारतीय रेलवे देश में रेलवे से जुड़े सभी जिलों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने के लिए तैयार है. देश भर में 733 जिले हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि कम से कम 700 स्टेशनों तक ट्रेन चलाने में रेलवे सक्षम है.
भारतीय रेलवे को एक दिन में लगभग 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की क्षमता मिली है, हालांकि वर्तमान में आधे से भी कम का उपयोग किया जा रहा है. पूरी क्षमता के साथ रेलवे का परिचालन देश भर के उन प्रवासियों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगा जो अपने गृह राज्यों में जाना चाहते हैं. भारतीय रेलवे जिलों की वास्तविक जरूरतों के अनुसार श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए तैयार है.
रविवार तक 15 लाख से अधिक प्रवासियों को पहले ही रेलवे द्वारा उनके गृह राज्यों में पहुंचाया जा चुका है. अब तक लगभग 1150 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया गया है. पिछले 3 दिन के दौरान प्रति दिन 2 लाख से अधिक लोगों को ले जाया गया है. भारतीय रेलवे प्रतिदिन लगभग दोगुने प्रवासियों को आसानी से परिवहन कर सकती है. यानि कि एक दिन में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर लौट सकेंगे. इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में, ट्रेन में चढ़ने से पहले यात्रियों की उचित जांच सुनिश्चित की जाती है. यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जाता है.
इन 1150 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, गोवा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार जैसे विभिन्न राज्यों से चलाया गया. इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगालजैसे विभिन्न राज्यों में समाप्त कर दिया गया था.