श्रीनगर. भारत और चीन (India China Standoff) के बीच लद्दाख (Ladakh) सीमा को लेकर बीते 26 दिनों से तनाव जारी है. कई दौर की बातचीत के बाद भी चीन के रवैये में बदलाव नहीं आ रहा है. लिहाजा भारत ने मौजूदा हालात को देखते हुए कश्मीर से सेना (Indian Army) और आईटीबीपी के जवानों को लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास तैनात किया है. सूत्रों के अनुसार, चीन की सेना की बराबरी के लिए गलवान घाटी में भारतीय जवानों की संख्या बढ़ाई गई है.

भारत-चीन के बीच 26 दिन से तनाव जारी ...

सेना में एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘मौजूदा हालात के मद्देनजर LoC से LAC में जवानों की शिफ्टिंग हुई है. ये जरूरी भी था. कमांड और कॉर्पोरेशन लेवल पर कुछ फोर्स को रिजर्व भी रखा गया है. स्थिति को देखते हुए इन्हें तैनात किया जाएगा.’ इन सैनिकों को सड़क और हवाई रास्ते से पीपुल्स लिबरेशंस आर्मी (PLA) यानी चीनी सेना पर कुछ दबाव बनाने के लिए भेजा जा रहा है.

भारत और चीनी सीमा के नजदीक बसे गांव डर्बुक के लोगों का कहना है कि हर रात उनके इलाके से 80 से 90 ट्रक गुजरते हैं. ये काफिला सेना और सिविल वाहनों का होता है. इससे सेना को गोला-बारूद और रसद सप्लाई की जाती है.

हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल एसएल नरसिम्हन बताते हैं, ‘इस मूवमेंट में कुछ विटंर स्टॉकिंग्स भी हो सकती हैं. जब बर्फ पिघलती है और खुली बहती है, तो सेना अगली सर्दियों के लिए अपनी पोस्ट बदलती है. आमतौर पर इन महीनों में ही ऐसा होता है.’

इस बीच चीन ने अपने इलाके में सैन्य तैयारियां तेज कर दी हैं. न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, चीनी सेना भारी वाहनों से तोप और दूसरे हथियार जमा कर रही है. जहां से इन्हें कुछ ही घंटे में भारतीय सीमा पर लाया जा सकता है.

चीनी सरकारी मीडिया ‘ग्लोबल टाइम्स’ में छपे एक लेख के मुताबिक, चीन ने कहा कि कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो भारत सरकार को इस ‘कोल्ड वार’ में एक पक्ष के समर्थन में खड़ा होने के लिए कह रही हैं, जिससे इस स्थिति का वे लोग भी फायदा उठा सकें. ऐसी शक्तियां भारतीय सरकार के आधिकारिक स्टैंड से संबंध नहीं रखती हैं और चीन के बारे में गलत सूचनाएं और अफवाह फैला रही हैं. अगर स्पष्ट कहा जाए तो चीन-अमेरिका विवाद में भारत का फायदा बेहद कम, लेकिन नुकसान काफी बड़ा हो सकता है. इसी के चलते मोदी सरकार इस कठिन परिस्थिति के साथ काफी समझदारी के साथ निपट रही है.

चीन की यह हरकत इसलिए शक पैदा करती है, क्योंकि इसी दौरान बटालियन और ब्रिगेड लेवल पर सैन्य अफसरों की बातचीत भी चल रही है. अब तक चीन के सैनिक विवाद वाली जगहों से लौटे नहीं हैं. भारतीय सैनिक भी यहां मुस्तैदी से मोर्चा संभाले हुए हैं.

Input : News18

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