भारत-चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए चंदन कुमार, अमन कुमार, जय किशोर सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह उनके पैतृक गांव पहुंचा। शहीदों का पार्थिव शरीर पहुंचे ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। इस दौरान शहीदों के घरों पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
वैशाली के जंदाहा थाना क्षेत्र के चकफतेह गांव के जय किशोर सिंह की शहादत के बाद अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ी भारी भीड़। ग्रामीण युवकों ने पूरे जोश खरोश के साथ शहीद सैनिक एवं भारत माता के जयघोष के साथ हाथ में राष्ट्रीय ध्वज लिए नारेबाजी करते रहे। बारिश के बावजूद जोश रहा बरकरार।
Bihar: Family of Sepoy Jai Kishor Singh pay tribute to him and people gather at his residence, where his mortal remains have been brought. He lost his life in action in #GalwanValley of Ladakh on June 15-16. pic.twitter.com/CFq5npV5Ji
— ANI (@ANI) June 19, 2020
इससे पहले गुरुवार की शाम बिहार के पांच सपूतों का पर्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पहुंचा था। एक साथ पांच शहीदों के पार्थिव शरीर पहुंचने पर सबकी आंखें नम हो गई थी। पटना एयरपोर्ट पर सीएम नीतीश कुमार ने एक-एक कर वीर सपूतों को श्रद्धांजली दी।भोजपुर के जगदीशपुर के शहीद चंदन कुमार, सहरसा के कुंदन कुमार, समस्तीपुर के मोइनुद्दीननगर के अमन कुमार, वैशाली जंदाहा के जयकिशोर सिंह, भोजपुर आरा के कुंदन ओझा को सेना और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही पक्ष-विपक्ष के कई नेताओं की ओर से श्रद्धांजलि दी गई। एयरपोर्ट परिसर में हर ओर गम और गुस्सा देखा गया।
बदला लिए बिना कलेजा शांत न होगा
आर्यन एयरपोर्ट परिसर में हर ओर वीर जांबाजों की बहादुरी और चीन की कायराना हरकत के किस्से सबकी जुबान पर थे। सब बस यही बात दुहरा रहे थे कि अगर चीन ने छल न किया होता तो वीर बेटों का चीनी सैनिक बाल बांका नहीं कर सकते थे। मोइनुद्दीननगर से पहुँचे शहीद अमन कुमार के परिजन राज आर्यन ने कहा कि उन्हें अमन की शहादत पर गर्व है लेकिन चीन से बदला लिए बिना उनका कलेजा शांत न होगा।