कभी गंगा के तट पर खड़े होकर अपने दोस्तों को गायन कला से रुबरु कराने वाले समस्तीपुर के लाल हिमांशु के बोल इस बार राजपथ पर गूंजेंगे. दियारा के इस लाल की कला से अभिभूत होकर भारत सरकार के कार्यक्रम प्रभाग ने गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में पार्श्व गायन के लिए इनका चयन किया है. जिले के मोहिउद्दीननगर प्रखंड के रमैया गांव के रहने वाले हिमांशु कुमार मनीष प्राण द्वारा रचित भारत हो रहा आत्मनिर्भर
गीत व शरत श्रीवास्तव के संगीत को अपना स्वर देंगे. गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित होने वाले इस गीत का सीधा प्रसारण होगा. दुनिया भर के 140 देशों में रहने वाले लोग इसे देख व सुन सकेंगे. कोरोना काल में कठिन दौर से गुजर रहे देश और देशवासियों के बीच उत्साह बढाने की बात को ध्यान में रखकर गीतकार से अपने इस गीत में शब्दों का चयन किया है, जो युवाओं को आत्मनिर्भर भारत की भावना से ओतप्रोत ही नहीं करेगा बल्कि उनके दिलो-दिमाग इसके लिए प्रेरणा भी भरने का काम करेगा.
संगीत की प्रारंभिक शिक्षा मां से प्राप्त किया हिमांशु ने- जिले के मध्य विद्यालय कल्याणपुर बस्ती की शिक्षिका लल्ली देवी यादव का पुत्र हिमांशु संगीत की प्रारंभिक शिक्षा मां से प्राप्त किया. हिमांशु ने जिले के बीआबी उवि अंदौर से मैट्रिक व केएसआर कॉलेज कोकिल कुंज,मोहिउद्दीननगर से इंटर पास करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली विवि में दाखिला लेकर संगीत में स्नातक किया. फिलवक्त वे दिल्ली के एक निजी विद्यालय में संगीत शिक्षक के पद पर कार्यरत है. हिमांशु ने संगीत के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखा जून,2020 में वर्चुअल सिंगिग रियलिटी शो फ्लुटिन होमस्टार में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया.
कला एवं संस्कृति मंत्रालय,भारत सरकार के हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायन के ए ग्रेडेड कलाकार हिमांशु ने वर्ष 2008-09 में इलाहाबाद में आयोजित अखिल भारतीय ध्रुपद गायन में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. वर्ष 2012-13 में अखिल भारतीय सुगम संगीत प्रतियोगिता में भी अपनी प्रतिभा व सुर के बल पर प्रथम स्थान प्राप्त किया. समय-समय पर देश के प्रसिद्ध मंचों पर हिमांशु ने संगीत के बल पर अपना नाम ‘रोशन’ किया है. हिमांशु के प्रारंभिक शिक्षक अनंत कुमार राय ने बताया कि हिमांशु की खासियत ऐसी है,जो उनके करीबियों को हमेशा याद रहती हैं. अपने गीतों के माध्यम से संगीतप्रेमियों और उनके प्रशंसकों के खयालों में आते रहते हैं.
Input: Prabhat Khabar