भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए गोरखपुर के सांसद और भोजपुरी सुपर स्टार रवि किशन अगले सप्ताह लोकसभा में निजी विधेयक लेकर आएंगे। उनके निजी बिल को 12 जुलाई को पेश करने के लिए सूचीबद्ध कर लिया गया है। भोजपुरी को मान्यता दिलाने के अपने निजी विधेयक का संकल्प पारित कराने के लिए वे विपक्ष ही नहीं दक्षिण के राज्यों के सांसदों का भी समर्थन जुटा रहे हैं।

शून्यकाल के दौरान दिल को छू लेने वाले भोजपुरी के चर्चित गीत ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ की पंक्तियां सुनाते हुए रवि किशन ने 17वीं लोकसभा में भोजपुरी को मान्यता देने की मुखर आवाज उठाई। उन्होंने आठवीं अनुसूची में भोजपुरी को शामिल करने की गुहार लगाते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कई बार चुनाव के दौरान भोजपुरी के अभिवादन शब्दों का प्रयोग कर भोजपुरी प्रेमियों को उम्मीद दी है। इसीलिए 25 करोड़ों लोगों की यह भाषा जिसे मारीशस, सूरीनाम और फिजी समेत तमाम कैरेबियन देशों में बोला जाता है उसे मान्यता दिया जाना भोजपुरी माटी का सम्मान होगा।

बतौर सांसद भोजपुरी को मान्यता दिलाना गंगा नहाने जैसा होगा

संसद भवन परिसर में दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि बतौर सांसद भोजपुरी की प्रतिष्ठा को स्थापित करना उनका सबसे अहम एजेंडा रहेगा। इसीलिए भोजपुरी को मान्यता दिलाने संबंधी निजी विधेयक का मसौदा तैयार किया है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी का इतिहास पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में सदियों पुराना तो है ही साथ ही अंग्रेजों के समय बिहार की अदालतों में भी इसका प्रयोग होता था। संस्कृति से लेकर सिनेमा तक भोजपुरी का डंका बजता है मगर करोड़ों लोगों की इस भाषा को मान्यता नहीं मिलना दुख की बात है। इसीलिए बतौर सांसद भोजपुरी को मान्यता दिलाना उनके लिए गंगा नहाने जैसा होगा।

Input : Dainik Jagran

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