राज्यसभा में शनिवार को बीजेपी के एक सदस्य ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग करते हुए कहा कि करीब 50 साल से की जा रही इस मांग को पूरा करने के लिए सरकार को तत्काल विधेयक लाना चाहिए। भाजपा के नीरज शेखर ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में भोजपुरी बोलने वालों की संख्या करीब 20 करोड है और विदेशों में करीब 8 करोड लोग भोजपुरी बोलते हैं।

उन्होंने कहा कि मॉरीशस, सूरीनाम, नेपाल और युगांडा में तो भोजपुरी भाषा बोलने वालों की बहुतायत है। मॉरीशस और नेपाल में इस भाषा को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है। शेखर ने कहा, ‘भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में डाले जाने की मांग 1969 से की जा रही है। सरकार को चाहिए कि पिछले करीब 50 साल से चली आ रही इस मांग को पूरा करने के लिए वह तत्काल एक विधेयक लाए।’

लोकसभा में भी उठी थी मांग

इससे पहले 14 सितंबर को लोकसभा में बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने भोजपुरी, राजस्थानी और भोंटी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाई थी। पाल ने कहा था कि 16 देशों में 20 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। राजस्थानी भाषा भी काफी संख्या में लोगों द्वारा बोली जाती है। भूटान में भोंटी भाषा को मान्यता दी गई है। बीजेपी सांसद ने कहा था कि ऐसे में भोजपुरी, राजस्थानी और भोंटी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए। संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्तमान में 22 भाषाएं हैं।

Source : Hindustan

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