मच्छरों के डंक एवं डें’गू के दंश से शहरवासी स’हमे हैं। शहरी क्षेत्र में डें’गू पी’ड़ितों की बढ़ती संख्या उनकी चिंता बढ़ा रही है। उधर, फोगिंग व दवा के छिड़काव के बाद भी डें’गू के पांव फैलाने से स्वास्थ्य महकमा बेचैन है। पी’ड़ितों की बढ़ती संख्या जिला, नगर निगम एवं स्वास्थ्य प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर रही है। इन विभागों के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, सरकार के गं’भीर नहीं होने से सवालों के घेरे में है।

जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 166 पहुंच गई है। इनमें तीन दर्जन से अधिक शहरी क्षेत्र के हैं। ये आंकड़ा एसकेएमसीएच में जांच को आने वाले मरीजों के आधार पर है। वहीं, निजी चिकित्सकों से इलाज करानेवालों को जोड़ने पर यह पांच गुना से अधिक होगा।

दर्जनों मोहल्ले डेंगू की चपेट में : शहर के दर्जनों मोहल्ले डेंगू की चपेट में हैं। खासकर शहर के पूर्वी भाग स्थित मोहल्ले इसमें शामिल हैं। पुरानी बाजार इलाका अधिक प्रभावित है। यहां डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज चिह्नित हुए हैं। इसके अलावा नई बाजार, चंदवारा, सिकंदरपुर, अमागोला, अघोरिया बाजार, बालूघाट, पुलिस लाइन और शहर से सटे अहियापुर व गोबरसही में भी प्रकोप बढ़ रहा है।

कारगर साबित नहीं हो रहे नियंत्रण को किए जा रहे उपाय : मच्छरजनित बीमारियों पर नियंत्रण को किए जा रहे उपायों की बात करें तो निगम एवं स्वास्थ्य दोनों विभाग फॉ¨गग व दवा का छिड़काव करा रहे हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन, ये कदम कारगर साबित नहीं हो पा रहे हैं। दावा है कि जहां भी मरीज मिल रहे फॉ¨गग व दवा का छिड़काव हो रहा है।

डेंगू पर नियंत्रण को कदम उठाए जा रहे हैं। शहरवासियों को भी सहयोग करना होगा। वे अपने घर के आसपास पानी को जमा नहीं होने दें। साफ पानी में ही डेंगू का मच्छर पनपता है। घर के आसपास साफ-सफाई पर ध्यान दें।

डॉ. शैलेश प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन

Input : Dainik Jagran

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