बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन के बीच लोगों को स्पेशल बसें उपलब्ध कराकर उनके गांव भेजने की कवायद पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने शनिवार को कहा कि इससे कोरोना वायरस और ज्यादा फैलेगा। बकौल नीतीश, ‘स्पेशल बसों के जरिए लोगों को उनके राज्यों में भेजने से लॉकडाउन का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा। इससे अगले कुछ दिनों में कोरोना वायरस का संक्रमण अधिक बढ़ेगा। लोगों को उनके घर भेजने के बजाय स्थानीय स्तर पर कैंप में ठहराना ज्यादा बेहतर होगा। राज्य सरकार इन कैंपों पर लगने वाली राशि अदा करेगी।
कोशिश के बजाय स्थानीय स्तर पर शिविरों का आयोजन करना बेहतर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन शिविरों की लागत चुकाएगी। राज्य सरकार ने अन्य राज्यों में स्थानीय लोगों के आश्रय और भोजन के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। उन्होंने कहा कि फंसे हुए स्थानीय लोगों की मदद के लिए आने वाले किसी भी जिले या गैर-लाभकारी संस्थानों को धन राज्य सरकार की तरफ से दिया जाएगा।
वहीं, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में राज्य सरकारें इन प्रवासियों के लिए विशेष बसों की व्यवस्था कर रही हैं। उत्तर प्रदेश में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने आज दोपहर ट्वीट किया, “राज्य सरकार ने लॉकडाउन के बीच राज्य छोड़ने की कोशिश करने वालों के लिए 1,000 बसों की व्यवस्था की है ताकि वे बिना किसी परेशानी का सामना किए अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
वहीं, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में राज्य सरकारें इन प्रवासियों के लिए विशेष बसों की व्यवस्था कर रही हैं। उत्तर प्रदेश में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने आज दोपहर ट्वीट किया, “राज्य सरकार ने लॉकडाउन के बीच राज्य छोड़ने की कोशिश करने वालों के लिए 1,000 बसों की व्यवस्था की है ताकि वे बिना किसी परेशानी का सामना किए अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।