जी हाँ, आपने जो कैप्सन में पढ़ा वो बिल्कुल सच पढ़ा, दिल्ली के मुख्यमंत्री को समझना था कि आखिर लॉककडाउन क्यों है, उन्होंने अपनी नाकामी छिपाने के लिये मज़दूरो से अपनी दुश्मनी बखूबी निभाया, प्रधानमंत्री मोदी के आदेश पर पूरे भारत मे लॉकडाउन है, माहात्रासदी के इस समय मे राज्यों की जिम्मेदारी है कि वो अपने यहाँ फंसे लोगों के रहने के लिये घर का इंताज़म करे औऱ समुचित भोजन की व्यवस्था करे, लेकिन ऐसे में केजरीवाल ने सुविधाओं पर ध्यान देने के बजाय किया क्या, दिल्ली ट्रंसपोर्ट की बसों में मज़दूरो को भर कर उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर पहुंचा दिया, जब वक्त सोशल डिस्टेन्स बरतने का था , तब हजारो लोगों के जमघट को यूपी बॉडर पर खड़ा कर दिया, तो क्यों ना कहे मजदूरों को धकेल कर, दिल्ली- उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर फेंकवा दिया केजरीवाल ने.

कोरोना वायरस से बचने की सबसे अहम जिम्मेदारी यह है कि हम सोशल डिस्टेंस बरते लेक़िन केजरीवाल ने तो मानो मजदूरों के जान का सौदा कर लिया हो, लगा दिया लम्बा रेला दिल्ली- यूपी बॉडर पर , मजदूरों की इस ठेलम ठेल में खुदा ना खासते किसी को भी कोरोना का संक्रमण हुआ तो ना जाने आदमी कब कोविड के सुसाइड बॉम्ब में तब्दील हो जाये.

दिल्ली सरकार ने कमजोरो के साथ ना जाने क्यों ऐसा बर्ताव किया, लोग तो यह भी सवाल उठा रहे है कि पूर्वांचल वालो ने चुनाव में मनोज तिवारी को वोट दिया और अब केजरीवाल उसी की सज़ा उन्हें दे रहे है, खैर केजरीवाल इस प्रकरण के बाद जनता की नजरों में गिरते हुए मालूम पड़ते है.

दिल्ली- यूपी बॉर्डर पर लगी जमघट की तस्वीर पूरे दिन वायरल होती रही लेकिन दिल्ली सरकार का कोई भी नुमाइंदा वह आस पास तक नहीं दिखा, आखिर क्यों केजरीवाल ने डी. टी.सी बसों में भरकर लोगो को लॉकडाउन का उल्लंघन कर बॉडर पर पहुँचाया, ऐसे समय में केजरीवाल को मज़दूरो के लिये रहना खाना का समुचित उपाय करना था, ये जो भीड़ यूपी बॉडर पर खड़ी दिख रही है ये पूरे देश को बीमार कर सकते है, कोरोना संक्रमण का एकमात्र उपाय यह है कि लोग दुरी बरते लेक़िन केजरीवाल की मेहरबानी से तो यहाँ ठेलमठेल मचा है.

ट्वीटर पर केजरीवाल के खिलाफ़ अब जाकर लोगों का गुस्सा फूट रहा है, अरेस्ट केजरीवाल ट्रेंड कर रहा है , लोग तो केजरीवाल को दो मुहे सांप की संज्ञा भी दे रहे है, त्रासदी के इस समय में जिसे जनता के लिये समुचित व्यवस्था करना था उसने ही लोगों को यूपी बॉडर पर ला खड़ा कर दिया ऐसे में केजरीवाल पर सवाल उठना वाजिब है.

Abhishek Ranjan Garg

अभिषेक रंजन, मुजफ्फरपुर में जन्में एक पत्रकार है, इन्होंने अपना स्नातक पत्रकारिता...