17वीं बिहार विधानसभा के अध्यक्ष कौन होंगे, इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गया है। इस पद के लिए सर्वसम्मति नहीं होने पर दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। एनडीए की ओर से विजय सिन्हा जबकि महागठबंधन से अवध बिहारी चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। अध्यक्ष के चुनाव के लिए राज्यपाल फागू चौहान द्वारा बुधवार यानी 25 नवम्बर की तिथि निर्धारित है। बुधवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होने तक यदि विपक्ष ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया तो मतदान से विधानसभा के नए अध्यक्ष का फैसला होगा।

मंगलवार को सत्रारंभ के पूर्व ही सुबह 10.40 बजे एनडीए के विधायकों की ओर से विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए भाजपा विधायक विजय कुमार सिन्हा की उम्मीदवारी को लेकर 11 सेटों में नामांकन पर्चा जमा किया गया। विस सचिव राजकुमार सिंह के समक्ष श्री सिन्हा के लिए जमा 11 पर्चों के प्रस्तावक क्रमश: नितिन नवीन, संजय सरावगी, विद्यासागर केसरी, रामप्रवेश राय, विनोद नारायण झा, राणा रणधीर, विजय कुमार मंडल, कृष्ण कुमार ऋषि, स्वर्णा सिंह, श्रवण कुमार और अनिल कुमार हैं।

वहीं, विस अध्यक्ष पद के महागठबंधन के प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी के पक्ष में करीब सवा ग्यारह बजे विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की मौजूदगी में पांच सेटों में नामांकन दर्ज किया गया। श्री चौधरी को अध्यक्ष बनाने के प्रस्तावकों में अजीत शर्मा, राम रतन सिंह, अनिल कुमार सहनी, अख्तरुल इस्लाम शाहीन और कुमार सर्वजीत शामिल हैं।

सर्वसम्मति बनी तभी टलेगा चुनाव 
विस अध्यक्ष पद पर दोनों ओर से नामांकन होने के बाद बुधवार को सदन में चुनाव तय है। हालांकि सर्वसम्मति बनी तो मतदान आरंभ होने के पूर्व कभी भी कोई एक पक्ष अपना प्रस्ताव वापस ले सकता है। जानकारी के मुताबिक प्रोटेम स्पीकर द्वारा चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव का प्रस्ताव सदन में पेश होगा। यदि दो उम्मीदवारों के प्रस्ताव वहां भी आए तो स्पीकर ध्वनि मत अथवा मत विभाजन द्वारा फैसला करायेंगे।

अंकगणित एनडीए के पक्ष में 
अध्यक्ष पद पर जीत का अंकगिणत एनडीए के पक्ष में है। मतदान के दौरान मतों के विखराव को रोकने को लेकर दोनों घटक संजीदा हैं। मंगलवार को इसको लेकर दोनों ओर से बैठक कर रणनीति बनायी गयी और घटक दलों ने ह्विप भी जारी कर दिए हैं। इकलौते निर्दलीय सुमित कुमार सिंह और लोजपा के एक विधायक का भी मत भाजपा उम्मीदवार को मिलने के आसार हैं।

सर्वसम्मति के पक्ष में एआईएमआईएम 
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अख्तरूल इमान ने बताया कि उनकी पार्टी की ओर से एनडीए और महागठबंधन को विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से करने का सुझाव दिया है। सदन में हर मसले पर टकराव व वोटिंग सही नहीं है। बुधवार तक प्रयास करेंगे कि अध्यक्ष पद पर चुनाव के बजाए सर्वसम्मति बन जाए। अभी हमारे गठबंधन के दलों की बैठक होगी तो आगे की रणनीति तय की जाएगी। बसपा के इकलौते विधायक जमा खान ने भी सर्वसम्मति से ही अध्यक्ष की वकालत की है।

विधानसभा अध्यक्ष का पद बेहद महत्वपूर्ण है। अवध बिहारी चौधरी में सबको साथ लेकर सदन चलाने की क्षमता है। महागठबंधन ने सर्वसम्मति से उन्हें प्रत्याशी बनाया है। अन्य सदस्यों से भी सहयोग की अपेक्षा और जीत का पूरा विश्वास है।
– तेजस्वी प्रसाद यादव, नेता, राजद विधायक दल व महागठबंधन 

विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए। अभी तक ऐसी ही परिपाटी भी रही है। इस चुनाव में एनडीए प्रत्याशी की जीत तय है। महागठबंधन के दावों की हकीकत भी बुधवार को सामने आ जाएगी।
– प्रेम कुमार, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ नेता भाजपा 

लालू-राबड़ी सरकार में मंत्री रहे हैं अवध बिहारी
विस अध्यक्ष चुनाव में महागठबंधन प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी सीवान से पांचवी बार चुनकर सदन में पहुंचे हैं। उन्होंने पूर्व सांसद और भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश यादव को हराया। वह सर्वप्रथम 1985 में चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली जनता पार्टी से जीते। वर्ष 1990 और 1995 में वे जनता दल के टिकट पर जीते और लालू सरकार में मंत्री बने। वर्ष 2000 में राजद प्रत्याशी के रूप में जीते। वे 1990 से 2005 तक लालू और राबड़ी सरकार में मंत्री रहे। वर्ष 2005 का चुनाव हार गए। वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव से पूर्व वे जदयू में चले गए और 2017 में फिर राजद में वापसी की। तब उन्हें राजद के प्रदेश संसदीय बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया। वे अभी भी इस पद पर हैं।

एनडीए 

भाजपा : 74

जदयू : 43

हम : 04

वीआईपी : 04

कुल : 125

महागठबंधन 

राजद : 75

कांग्रेस : 19

माले : 12

माकपा : 02

भाकपा : 02

कुल : 110

अन्य 

एआईएमआईएम : 5

बसपा : 1

निर्दलीय : 01

लोजपा : 1

Input: Live Hindustan

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