मिथिला में चौरचन का त्यौहार मनाया गया. मुजफ्फरपुर, दरभंगा समेत मिथिल क्षेत्र में चौरचन का त्यौहार बड़े ही श्रद्धा के साथ मनाया गया. आज के दिन घर की महिलाएं चंद्र देव की पूजा करती है. ताकि व्यक्ति झूठे कलंक से बच सके.
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भादो महीने के चतुर्थी तिथि को उदय होने वाला चन्द्रमा का दर्शन भले ही दोषयुक्त माना जाता है, लेकिन मिथिला में इस दिन चन्द्रमा की विधिविधना से पूजा करने की विशेष परंपरा रही है. 16वीं शताब्दी से ही मिथिला में ये लोक पर्व मनाया जा रहा है. मुज़फ्फरपुर में भी लोक आस्था का पर्व चौरचन पूरे श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया.
छठ पर्व की तरह ही हर जाति,वर्ग के लोग इस पर्व को हर्षोल्लाष के साथ मनाते है. छठ में जहां हम सूर्य की पूजा करते हैं, वहीं इस दिन व्रती चन्द्रमा की पूजा करते हैं. कहते हैं कि इस दिन चन्द्रमा का दर्शन खाली हाथ नहीं करना चाहिए. यथा संभव हाथ में फल अथवा मिठाई लेकर चन्द्र दर्शन करने से मनुष्य का जीवन दोषमुक्त और कलंकमुक्त हो जाता है.