आत्मनिर्भर यानी खुद पर विश्वास और जिसे ख़ुद पर विश्वास हो वो दुनिया जीत सकता है. बिहार में संसाधन का बेहद अभाव है. इसी कारण यहां के लोगो को रोजगार की समस्या अकसर रहती है. इन हलात में युवाओ का रोज़गार के प्रति आत्मनिर्भर बनने से क़ामयाबी के राह बेहद आसान हो सकते है.

नवीन कुमार बिहार के पूर्वी चंपारण के रहने वाले है. नवीन ने अपनी पढ़ाई कृषि विज्ञान विषय मे देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड से किया लेकिन नवीन के दिल में हमेशा से बिहार बसता था. नवीन बिहार की हालात से बख़ूबी वाकिफ़ है इसलिए लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये नवीन ने लोगो को मशरूम की खेती सीखाने के मिशन पर निकले है और किसानों को मशरूम के खेती का ट्रेनिंग दे रहे है.

नवीन बताते है कि मशरूम के खेती के लिये अधिक भूमि की जरूरत नही होती है एक झोपड़ी के प्रकार के जगह में किसान मशरूम की खेती की शुरुआत कर सकते है और प्रगति के राह पर बढ़ सकते है. शुरुआत के दौर में नवीन ने मशरूम खेती स्वरोजगार मिशन के तहत लोगों को मशरूम की खेती का प्रशिक्षण भी दिया है और नवीन और लोगो को इस अभियान से जोड़ने के लिये प्रयासरत है ताकि अधिक से अधिक लोग इस ट्रेनिंग को हासिल कर उन्नति के नए रास्ते गढ़ सकें.

नवीन अपने ट्रेनिंग के लिये अपने ट्रेनर अर्जुन कश्यप के शुक्रगुजार है वो कहते है अपने गुरु से जो सीखा उसे आगे लोगो तक पहुंचाना ही शिक्षा का मुख्य उद्देश्य होता है और नवीन अपने इसी दायित्व को पूरा कर रहे है.

नवीन के सोच से ही बिहार आत्मनिर्भर बन सकता है लोगो को नवीन के सोच से जुड़कर इस उन्नत प्रक्रिया को सीखना चाहियें और राष्ट्रनिर्माण में सरकार को कोसने के बजाय खुद के कदम भी आगे बढ़ाना चाहिए.

NOTE : मशरूम के खेती सम्बंधित जानकारी के लिये आप नवीन से संपर्क कर सकते है – -7543041840

Abhishek Ranjan Garg

अभिषेक रंजन, मुजफ्फरपुर में जन्में एक पत्रकार है, इन्होंने अपना स्नातक पत्रकारिता...