महापौर चुनाव को लेकर निगम की राजनीति गरमा गई है। एक बार फिर डेढ़ दर्जन वार्ड पार्षद अज्ञातवास पर चले गए हैं। मंगलवार को भी आधा दर्जन पार्षद बाहर जा सकते हैं। काठमांडू या पोखरा में उनके होने की संभावना जताई जा रही। इससे पहले वे अविश्वास प्रस्ताव के दौरान नेपाल गए थे। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान महापौर की कुर्सी गंवाने वाले सुरेश कुमार ने चुनाव में अपनी उम्मीदवारी का दावा किया है।
उनके फिर से चुनाव लड़ने की राह में किसी प्रकार की बाधा न आए, इसकी तैयारी उन्होंने कर ली है। वे अविश्वास प्रस्ताव के दौरान एक वोट से अपनी कुर्सी गवां बैठे थे। वहीं दूसरे खेमे से उम्मीदवार वार्ड तीन के पार्षद राकेश कुमार अपनी जीत सुनिश्चित करने को लगातार अपने खेमा के पार्षदों से संपर्क बनाए हुए हैं। विरोधी खेमे के पार्षदों को अपने पक्ष में करने के लिए लगातार लगे हुए हैं। महापौर का चुनाव 11 जुलाई को होना है। जिला प्रशासन इसकी तैयारी में लगा है।
कुर्सी पर कब्जे को लेकर दो खेमे में बंटा निगम लगातार अपना संख्या बल बढ़ाने की कवायद में लगा है। पूर्व महापौर अपनी खोई कुर्सी प्राप्त करने के लिए नाराज पार्षदों को मनाने में लगे हैं। राकेश कुमार अपने पार्षदों की एकजुटता बनाए रखने के साथ-साथ विरोधी खेमे में सेंध लगाने का प्रयास कर रहे। चुनाव को लेकर शहर की राजनीति के कई बड़े खिलाड़ी भी लगे हैं। वे पर्दे के पीछे से अपनी चाल चल रहे।
Input : Dainik Jagran