श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे सोमवार को बोधगया पहुंचे। यहां महाबोधि मंदिर को देख अभिभूत हुए। यहां उन्होंने कहा कि बोधगया में श्रीलंका के श्रद्धालु अधिक आते हैं।
श्रीलंकाई प्रधानमंत्री 20 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ एयर इंडिया के विशेष विमान से सुबह 10:50 बजे गया एयरपोर्ट पहुंचे थे। वहां से सीधे महाबोधि मंदिर पहुंचे और पहले भगवान बुद्ध को नमन किया। एयरपोर्ट पर बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने उनका स्वागत किया और महाबोधि मंदिर तक उनकी आगवानी की। इनके साथ आईजी, डीएम अभिषेक सिंह, एसएसपी राजीव मिश्रा ने प्रधानमंत्री का हवाई अड्डे पर स्वागत किया। एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
एयरपोर्ट से लेकर बोधगया तक जगह जगह स्कूली बच्चों ने दोनों देशों के झंडे के साथ प्रधानमंत्री का अभिवादन किया। महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध के समक्ष उन्होंने मत्था टेका। फिर पवित्र बोधि पेड़ का दर्शन किया और पूजा-अर्चना की। मंदिर में करीब आधे घंटे तक श्रीलंकाई प्रधानमंत्री पूजा अर्चना में समय गुजारा। बीटीएमसी के पास सचिव एन दोरजी तथा मुख्य भंते चालिंदा, सदस्य अरबिंद सिंह, होटल एसोसिएशन बोधगया के महासचिव संजय ने खादा देकर उनका स्वागत किया। इसके बाद वे महाबोधि मंदिर पहुंचे और गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की। बीटीएमसी के भंते चालिंदा ने सूत्त पाठ कर पूजा-अर्चना करायी। इसके बाद विश्वशांति का घंटा बजाया और शांति के लिए प्रार्थना की।
बीटीएमसी की ओर से प्रज्ञा और बोधि पत्ता देकर उन्हें सम्मानित किया गया। वह यूपी से स्पेशल फ्लाइट से वे गया एयरपोर्ट पहुंचे थे। एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा में सड़क मार्ग द्वारा महाबोधि मंदिर लाया गया। प्रधानमंत्री ने विजिटर बुक में लिखा कि बुद्ध की धरती पर आकर आकर उन्हें असीम शांति का अहसास हुआ है।
भारत की ऐतिहासिक और अद्भूत विरासत को देख अभिभूत हूं। भारत और श्रीलंका के सांस्कृतिक रिश्ते सदियों पुराने हैं और अब दोनों के बीच आर्थिक और सामरिक रिश्ते भी नयी ऊंचाई हासिल कर रहे हैं। इन रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए भगवान बुद्ध से प्रार्थना करता हूं। इसके बाद वे बोधगया स्थित महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया (श्रलंकाई बौद्धमठ) के जयश्री महाबोधि महाविहार में गए। वहां भगवान बुद्ध व उनके दो शिष्य शारीपुत्र और महामोग्लान के अस्थि अवशेष कलश का भी दर्शन किया।
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे। प्रधानमंत्री के 20 सदस्यीय शिष्टमंडल में उनके दो मंत्री और एक सांसद भी हैं। यहां से 4:20 बजे एयर इंडिया के विमान से तिरुपति के लिए रवाना हो जाएंगे। श्रीलंकाई प्रधानमंत्री 7 फरवरी को पांच दिवसीय भारत दौरे पर थे। इसी क्रम उन्होंने सारनाथ और वाराणसी का भम्रण किया। सोमवार को वे बोधगया पहुंचे थे। भारत यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। श्रीलंकाई प्रधानमंत्री वर्ष 2013 के बाद दूसरी बार बोधगया पहुंचे थे।