महिलाएं आज भी माहवारी के विषय में चर्चा करना गलत समझती हैं, या चर्चा करती भी हैं तो बहुत कम। जैसे माहवारी पर बात करना चुप-चुप करने वाली बात या गंदी बात हो। लेकिन अब समय धीरे-धीरे बदल रहा है और इस बारे में बात करना अब जरूरी है क्योंकि इस बारे में भ्रांतियां और साफ-सफाई का ख्याल ना रखना ही इस विषय की सबसे गंभीर समस्या है और आज इस बारे में पटना और आसपास की ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है कुछ महिलाओं ने।

पटना की पल्लली सिन्हा और अमृता सिंह-इन दोनों को आज लोग पैड वुमेन के नाम से जानते हैं। ये दोनों अपनी संस्था के जरिए ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वच्छता और माहवारी के बारे में जागरूक करने का काम कर रही हैं। ये अपने पैड बैंक से शहरी स्लम और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल करने के लिए जागरूक कर रही हैं।

खास बात ये है कि इनके द्वारा चलाए जा रहे सेनेटरी नैपकिन बैंक में अकाउंट खोला जाता है और पैड लेने के लिए पासबुक का होना जरूरी होता है। पासबुक को अपडेट कराना होता है। इन दोनों ने मिलकर जुलाई 2017 में इस बैंक की शुरुआत की थी जिसकी पहुंच अब 11 राज्यों में हो चुकी है। दोनों ने बताया कि हम पंचायत स्तर पर ये काम करते हैं और सक्रिय महिलाओं को बैंक की संचालिका नियुक्त कर देते हैं।

दोनों ने बताया कि हमारा प्रयास जारी है कि महिलाएं स्वच्छता पर ध्यान दें। हम ग्रामीण क्षेत्रों में कम दाम पर महिलाओं-लड़कियों को पैड उपलब्ध कराते हैं और इसका फायदा ये हुआ है कि आज इस बैंक में करीब 70 हजार लड़कियां-महिलाएं जुड़ गई हैं।

इसके साथ ही पल्लवी और अमृता की पहल पर पटना जंक्शन पर महिलाओं के लिए सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाया गया, जिसका उद्घाटन पटना की मेयर सीता साहू ने किया। अब महिला यात्रियों को नैपकिन के लिए इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा। इसके साथ ही पटना की कॉलेजों में भी सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाया गया है।

Input : Dainik Jagran

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