बाल समाज समिति की ओर से जूरन छपरा, महेश बाबू स्थित महामाया स्थान में दुर्गा पूजा पंडाल के मुख्य द्वार पर उड़ीसा के दुर्गा मंदिर का स्वरूप दिखेगा। मां दुर्गा महिषासुर के वध करने की मुद्रा में दिखेंगी। मां दुर्गा के साथ लक्ष्मी, गणेश, कार्तिकेय व सरस्वती की प्रतिमाएं भी विराजमान रहेंगी। जो दर्शको को काफी आकर्षित करेंगी। यहां शारदीय नवरात्र की षष्ठी को बेल निमंत्रण को बैंड-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। मां को हाथी पर बुलाया जाएगा। तीन सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी। मोहल्लेवासियों के सहयोग से पूजा होती आ रही है। समिति के 10 सदस्य व्यवस्था को बनाये रखने में सहयोग करेंगे। इसमें प्रशासनिक सहयोग भी लिया जाएगा। सप्तमी को मेवा, अष्टमी को छप्पनभोग व नवमी को हलवा, बादाम, मूढ़ी, खीर आदि का विशेष भोग लगाया जाएगा।

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उड़ीसा के दुर्गा मंदिर की तर्ज पर बन रहे पंडाल की ऊंचाई करीब 55 फीट रहेगी। वहीं लंबाई 100 मीटर व चौड़ाई 30 फीट रहेगी। इस बार पंडाल के मुख्य द्वार व अंदर बिजली के बल्बों व फूलों की आकर्षक सजावट की जाएगी। खास लाइट की सजावट होगी। महिषासुर के वध करने की मुद्रा में मां दुर्गा की करीब साढ़े सात फीट की प्रतिमा तो अन्य देवी-देवताओं की चार-चार फीट की प्रतिमाएं रहेंगी।

समिति से जुड़े हीरालाल चौहान ने बताया कि महामाया स्थान में शुरू से माई का गहबर है। यहां पर सच्चे मन से मांगने पर मनोकामना जरूर पूरी होती है। 36 साल पूर्व दरबारी शाह, सूरज महतो, उमा बाबू व स्थानीय मुखिया ने दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी। पहले कुछ बल्ब व सामियाना लगाकर पूजा होती थी। मगर अब आकर्षक पंडाल बनता है।

हर साल पंडाल का मुख्य द्वार अलग अंदाज में बनाने का प्रयास किया जाता है। इस बार उड़ीसा का दुर्गा मंदिर खासतौर पर बनाया जा रहा है। यहां दूरदराज से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। -रंजन कुमार, अध्यक्ष

 

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