रविवार की सुबह महाराष्ट्र से 160 सदस्यीय तीर्थ यात्रियों का जत्था 127 वर्ष पुराने श्री सीतामढ़ी गौशाला पहुंचा। इन तीर्थयात्रियों को श्री सीतामढ़ी गोशाला समिति एवं मां जानकी जनसेवा ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया। तीर्थ यात्री मूलचन्द करवा की पहल एवं स्वामी नामदेव महाराज काकडे के सानिध्य में महाराष्ट्र वशीम एवं अमरावती से आएं तीर्थयात्रियों ने श्री सीतामढ़ी गौशाला के तीर्थयात्री भवन में उतरकर स्नान ध्यान कर गौ माता का दर्शन और गौशाला परिसर में विराजमान भगवान श्री गोपाल कृष्ण की भजनों द्वारा आराधना की।

फिर वहां से भजन-की‌र्त्तन करते हुए पैदल चलकर श्री जानकी मंदिर में जाकर माता जानकी का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। वहां से कोट बाजार स्थित प्रसिद्ध मंदिर श्री दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में आज के कलियुग के प्रत्यक्ष देवता श्री हनुमान जी की आराधना की। स्वामी नामदेव महाराज व आएं तीर्थयात्रियों ने कहा कि मां जानकी की पुण्य भूमि पर आकर हमारा जन्म सफल हो गया और उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रतिनिधियों, राज्य व भारत सरकार को सीतामढ़ी के विकास के लिए विशेष योजना बनानी चाहिए।

इन तीर्थयात्रियों के स्वागत में सजन हिसारिया, राजेश कुमार सुन्दरका, शिव कुमार, नरोत्तम व्यास, राजमंगल सिंह, मिन्टू सुन्दरका, मुन्ना शर्मा, हरिनारायण व मां जानकी जान सेवा ट्रस्ट के सदस्य शामिल थे। जानकी प्राकट्य स्थली के दर्शन के लिए महिला- पुरुष तीर्थयात्रियों की टोली रविवार सुबह ट्रेन से पटना पहुंची थी वहां से चार बसों से सीतामढ़ी पहुंचे थे। श्री सीतामढ़ी गोशाला, जानकी मंदिर एवं दक्षिणामुखी हनुमान मंदिर में दर्शन पूजन के बाद तीर्थयात्रियों का जत्था जनकपुरधाम के लिए रवाना हो गया।

श्री सीतामढ़ी गौशाला कार्यसमिति सदस्य राजेश कुमार सुन्दरका ने कहा कि देश के विभिन्न प्रदेश से हजारों किलोमीटर की यात्रा कर तीर्थयात्री यहां मां जानकी प्राकटयस्थली पर उनके दर्शन के लिए आते हैं लेकिन यह पुण्य भूमि आज भी उपेक्षित है। धार्मिक व पर्यटन स्थली के रूप में जो सम्मान और विकास सीतामढ़ी को मिलना चाहिए वह अब तक नहीं मिल पाया है।

Input : Dainik Jagran

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD