(Magh Purnima 2020) पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्रदेव हैं. इस तिथि को चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है. सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. इस तिथि पर जल और वातावरण में विशेष उर्जा आ जाती है. इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है. माघ की पूर्णिमा इतनी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि इस दिन नौ ग्रहों की कृपा आसानी से पायी जा सकती है. इस दिन स्नान,दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है. माघ पूर्णिमा पर ग्रहों के किये किया गया दान विशेष फलदायी होता है. इस बार माघ की पूर्णिमा 09 फरवरी को है

इस बार की पूर्णिमा की खास बातें क्या हैं?

– माघ नक्षत्र में चन्द्रमा की उपस्थिति होगी

– शुक्र अपनी उच्च राशि में विद्यमान रहेगा

– बृहस्पति और चन्द्रमा का सम्बन्ध बना रहेगा

– माघ की पूर्णिमा को स्नान करने से, माघ मास के व्रत का भी पूर्ण फल मिलेगा

– इस समय स्नान से पुण्य के अलावा अमृत तत्व भी मिल सकता है

किस प्रकार करें स्नान?

– प्रातः काल स्नान के पूर्व संकल्प लें

– फिर नियम और तरीके से स्नान करें

– स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें

– साफ़ वस्त्र या सफेद वस्त्र धारण करें , फिर मंत्र जाप करें

– मंत्र जाप के पश्चात अपनी आवश्यकतानुसार दान करें

– चाहें तो इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं

नौ ग्रहों के लिए किस प्रकार नौ दान करें?

– सूर्य के कारण ह्रदय रोग और अपयश की समस्या होती है


– इसके निवारण के लिए गुड़ और गेंहू का दान करें

– चन्द्रमा के कारण मानसिक रोग और तनाव के योग बनते हैं

– इससे बचने के लिए जल , मिसरी या दूध का दान करें

– मंगल के कारण रक्त दोष और मुकदमेबाजी की समस्या होती है

– इससे बचने के लिए मसूर की दाल का दान करें

– बुध के कारण त्वचा और बुद्धि की समस्या हो जाती है

– इसके निवारण के लिए हरी सब्जियों और आंवले का दान करना चाहिए

– बृहस्पति के कारण मोटापा, पाचन तंत्र और लिवर की समस्या हो जाती है

– इसके निवारण के लिए केला, मक्का और चने की दाल का दान करें

– शुक्र के कारण मधुमेह और आंखों की समस्या होती है

– इसके निवारण के लिए घी, मक्खन और सफेद तिल आदि का दान करना चाहिए

– शनि के कारण स्नायु तंत्र और लम्बी बीमारियां हो जाती हैं

– इसके निवारण के लिए काले तिल और सरसों के तेल का दान करना चाहिए

ये उपाय करना न भूलें

– राहु-केतु के कारण विचित्र तरह के रोग हो जाते हैं

– इसके निवारण के लिए सात तरह के अनाज, काले कम्बल और जूते चप्पल का दान करें

माघी पूर्णिमा पर किस तरह की सावधानियां रखनी चाहिए ?

– जहां तक हो सके सुबह स्नान ध्यान के बाद ही अन्न ग्रहण करें

– अगर उपवास रख सकें तो और भी अच्छा होगा

– इस दिन आहार, विहार और आचरण शुद्ध रखें

– पूर्णिमा की रात्रि को शिव जी की उपासना जरूर करें

– साथ ही सफेद फूल डालकर चन्द्रमा को अर्घ्य भी दें

Input : Aaj Tak

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD