भारत भूमि चमत्कारों की भूमि है यहां ऐसे अनेक चमत्कार होते हैं जिनका जवाब आज तक वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है। आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। ये तो एक सामान्य सी बात है कि हर मंदिर में एक दिया होता है उसमें एक बाती होती है और वो तेल या फिर घी से जलता है लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं वहां पर जोत तेल या फिर घी से नहीं बल्कि पानी से जलती है। जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा पानी से, हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में स्थिति गड़ियाघाट वाली माताजी के मंदिर की।

ये चमत्कारी मंदिर कालीसिंध नदी के किनारे आगरा-नलखेड़ा गांव में है। इस मंदिर के पुजारी का इस चमत्कारी घटना पर कहना है कि पहला ऐसे नहीं होता था लेकिन कुछ साल पहले माता ने उन्हें सपने में दर्शन पानी से दीपक को जलाने के लिए कहा। फिर क्या था पुजारी जी ने कालीसिंध नदी के जल को इस दिए में डाला और जब वो माचिस को रूई के पास लेकर गए तो ये देखकर वो हैरान रह गए कि जोत जलने लगी।

शुरूआत के दो महीने तक उन्होंने ये बात किसी से नहीं कही लेकिन बाद में उन्होंने जब ये बात गांव के कुछ लोगों को बताई तो शुरू-शुरू में तो उन्होंने भी पुजारी पर यकीन नहीं किया लेकिन जब उन्होंने खुद पानी डाल कर जोत जलाई तो वो हैरान रह गए। फिर क्या था इस मंदिर की चर्चा दूर-दूर तक होने लगी और दूर-दूर से लोग इस अद्भूत चमत्कार को देखने के लिए आने लगे।

जैसे ही कालीसिंध नदी के पानी को दिए में डाला जाता है तो वो एक चिपचिपे तरल पदार्थ में बदल जाता है और फिर दिया जलने लगता है। लेकिन बरासातों के मौसम में इस मंदिर में जोत नहीं जलाई जाती क्योंकि नदी का जलस्तर बढ़ने से मंदिर पानी में डूब जाता है। उसके बाद जब सितंबर-अक्टूबर में नवरात्रों का समय आता है उस समय इस मंदिर की जोत फिर से जलाई जाती है।

Input : Live India

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