एक बड़े घटनाक्रम में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मानहानि के एक केस में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल से माफी मांगी है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अदालत में विवेक डोभाल को लिखित में माफीनामा दिया. जयराम रमेश ने अपने माफीनामा में लिखा है कि विवेक डोभाल और उनके पिता को लेकर जो कुछ भी उन्होंने कहा वो क्षणिक उत्तेजना में कहा था और उस वक्त चुनाव का भी वक़्त था, लिहाजा विवेक डोभाल उनके परिवार और उनके बिजनेस को लेकर कही गई बातों पर उनसे माफी मांगते हैं.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश (फाइल फोटो)

जयराम रमेश ने अपने माफीनामे में कहा, ‘मैंने विवेक डोभाल के खिलाफ बयान दिया और चुनावी गर्मी के माहौल में आकर गुस्से में कई आरोप लगाए मुझे इसका सत्यापन करना चाहिए था.’ विवेक डोभाल ने जयराम रमेश का माफीनामा मंजूर कर लिया है और इस केस को बंद करने के लिए तैयार हो गए हैं.

क्या था मामला

एनएसए अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने फरवरी 2019 में जयराम रमेश के खिलाफ एक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. ये मानहानि का मुकदमा एक आर्टिकल को लेकर था. जो कि जनवरी 2019 में छपा था. विवेक डोभाल ने आरोप लगाया था कि पत्रिका में उनके खिलाफ गलत आरोप लगाया गया था और इन तथ्यों को जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोहराया था.

17 जनवरी 2019 को जयराम रमेश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विवेक डोभाल और उनके परिवार और साथ ही उनके कंपनियों पर आरोप लगाते हुए उसकी तुलना डी कंपनी के साथ कर दी थी. जयराम रमेश ने अपने माफीनामे में कहा है कि एक पत्रिका में विवेक डोभाल और उनके परिवार को लेकर एक आर्टिकल छपा था, जिसके आधार पर ही उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विवेक और उसकी कंपनी पर आरोप लगाए थे.

बिना कंफर्म किए लगाए आरोप-जयराम

जयराम रमेश ने कहा कि बाद में उन्हें आभास हुआ कि पत्रिका में जो कुछ भी छापा गया था उसको उन्हें दूसरे सूत्रों से भी कंफर्म करना चाहिए था. इस मामले में वह ऐसा नहीं कर पाए और बाद में उन्हें एहसास हुआ. इसी के चलते वह कोर्ट में मानहानि केस मामले में विवेक डोभाल और उनके परिवार की भावनाओं को आहत करने के लिए माफी मांग रहे हैं. जयराम रमेश के माफीनामे के बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे मानहानि केस को खत्म कर दिया है. हालांकि पत्रिका के खिलाफ विवेक डोभाल द्वारा किया गया मानहानि का मामला आगे भी चलता रहेगा.

डी कंपनी का क्या मतलब है सब जानते हैं- विवेक डोभाल

पिछले साल केस की पहली सुनवाई पर विवेक डोभाल ने कोर्ट को बताया था कि सारे देश को पता है कि D कंपनी का क्या मतलब है. विवेक डोभाल और उनके पिता को बदनाम करने के लिए पत्रिका में उनकी कंपनी की तुलना डी कंपनी के साथ की गई. बाद में कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उनको और उनके परिवार को और साथ ही उनके द्वारा चलाई गई कंपनियों को बदनाम करने की पूरी कोशिश की.

विवेक डोभाल ने कहा, ‘जो कुछ भी मुझे बदनाम करने के लिए न्यूज आर्टिकल में कहा गया और जिस तरीके से सोशल मीडिया पर लोगों ने उस पर रिएक्ट किया, उससे मैं और मेरा परिवार बेहद परेशान रहा है. मैं विदेश में रहकर अपनी कंपनियां चला रहा हूं और इस आर्टिकल से मेरी छवि खराब होने के साथ-साथ मुझ पर लोगों की शकभरी की निगाहें रहीं.’

लेख में मुझे और मेरे परिवार को बदनाम किया गया- विवेक

विवेक डोभाल ने कोर्ट से कहा, ‘मैने जो कुछ भी हासिल किया है वो अपने दम पर अपनी मेहनत से हासिल किया है. इसमें मेरे परिवार का कुछ भी सहयोग नहीं है. मैंने कभी भी पारिवारिक संबंधों को अपने काम को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया. पूरी दुनिया में पिछले 2 साल में बाजार बहुत टूटा है. मैंने भी बहुत संघर्ष किया है. अभी भारत में मैंने कोई भी बिजनेस डील नहीं की है और मैंने भारत में पहले भी कभी किसी नियम को नहीं तोड़ा.”

‘पिता को बेवजह घसीटा जा रहा है’

उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता जो कि देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं, उनको बेवजह इसमें घसीटा जा रहा है, जबकि मेरे पिता मेरी किसी भी कंपनी में किसी भी पद पर नहीं हैं. मेरी कंपनियों की तुलना डी कंपनी से की गई. मुझ पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे हैं.’ विवेक डोभाल ने इसी कारण कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पत्रिका पर मानहानि का केस दाखिल किया.

अंग्रेजी मैग्जीन ने अपनी सनसनीखेज रिपोर्ट में खुलासा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से नोटबंदी की घोषणा के 13 दिन बाद एनएसए अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने केमैन आईलैंड में जीएनवाई एशिया फंड नाम की हेज फंड (निवेश निधि) कंपनी का पंजीकरण कराया था. इस लेख के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि अजित डोभाल के दोनों बेटे जीएनवाई एशिया के जाल में फंसे हैं, जो बिल्कुल डी-कंपनी की तरह है.

Source : Aaj Tak

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