आई हॉस्पिटल मामले में एसीएमओ डॉ. सुभाष प्रसाद सिंह ने अपनी रिपोर्ट सोमवार को आरडीडी हेल्थ को सौंप दी। इसमें एसीएमओ ने कहा है कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने के लिए चार हॉस्पिटल को सरकार से मान्यता मिली है। इनमें आई हॉस्पिटल, विश्व सती इपीलिप्सी मिशन, सुनैना मेमोरियल आई हॉस्पिटल और कुमार फाउंडेशन ट्रस्ट शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आई हॉस्पिटल की मान्यता 31 मार्च तक ही थी। विश्व सती इपीलिप्सी मिशन की मान्यता 2 अक्टूबर तक ही थी। सुनैना मेमोरियल की मान्यता 5 फरवरी 2022 तक और कुमार फाउंडेशन की मान्यता 2 अक्टूबर 2023 तक है। एक महीने में 3000 ऑपरेशन करना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी असपताल की जांच नेत्र सहायक से कराई गई थी।
आई हॉस्पिटल कांड के बाद मांगी गई थी रिपोर्ट
आई हॉस्पिटल कांड में बाद आरडीडी ने सीएस से सभी आई हॉस्पिटल की जानकारी मांगी थी। पूछा था कि जिले में कितने आई हॉस्पिटल हैं, इनकी क्या स्थिति है व कब जांच हुई। कितने दिनों से जांच लम्बित है। ऑपरेशन को कितने रुपये का भुगतान हुआ है।
एक दिन में हुआ था 65 का ऑपरेशन
आई हॉस्पिटल में 22 नवम्बर को एक दिन में 65 लोगों का ऑपरेशन हुआ था। ओटी में संक्रमण पाए जाने पर लोगों की आंख खराब हो गयी, जिससे 15 लोगों की आंख निकालनी पड़ी। कई मरीजों का इलाज आईजीआईएमएस में हुआ।
ऑपरेशन के लिए अस्पतालों को मिले 25 लाख
आंख के ऑपरेशन के लिए इस साल इन चारों अस्पतालों को 25 लाख 21 हजार रुपये मिले हैं। यह भुगतान पिछले वित्तीय वर्ष के लिए किया गया। इस वर्ष सरकार से चारों हॉस्पिटल के लिए 62 लाख 76 हजार रुपये आवंटित किए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वर्ष अब तक किसी हॉस्पिटल को भुगतान नहीं किया गया है।
एसीएमओ की रिपोर्ट मिल गयी है। रिपोर्ट से पता चला है कि हॉस्पिटल की मान्यता 31 मार्च तक ही थी। रिपोर्ट में कुछ कमी भी दिखी है। इसका अध्ययन किया जा रहा है। जो कमी है, उस पर फिर रिमाइंडर लिखा जाएगा। -डॉ. आरसीएस वर्मा, आरडीडीई
Source : Hindustan
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