मुंबई से गांव लाैटे लाेगाें की काेराेना संक्रमण हाेने या न हाेने की जांच के लिए प्रशासन काे सूचना देने पर सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर थाने के मधाैल में विवाद हाे गया। इसमें 20 वर्षीय बबलू की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। बबलू काे परिजनों ने गंभीर स्थिति में रविवार की देर रात एसकेएमसीएच में भर्ती कराया था। वहां उसकी माैत हाे गई। बिहार ही नहीं, पूरे देश में यह अपने तरह की हत्या की पहली घटना है। बबलू के पिता विनाेद सिंह ने मुंबई से गांव लाैटे मुन्ना महताे, सुधीर महताे और दाेनाें के परिजनों काे नामजद कर एसकेएमसीएच ओपी में प्राथमिकी के लिए बयान दर्ज कराया है। पुलिस ने दाे आराेपियाें मुन्ना और सुधीर काे गिरफ्तार कर लिया है। बबलू के भाई गुड्डू ने पुलिस काे बताया कि सुधीर और मुन्ना 23 मार्च को मुंबई से गांव लाैटे। दाेनाें के बारे में बबलू ने कंट्रोल रूम काे सूचना दी थी। 24 मार्च काे चिकित्सकों की टीम ने दाेनाें युवकों की जांच की। जिसमें दाेनाें निगेटिव पाए गए। सूचना देने के कारण दाेनाें युवकों ने रविवार की देर शाम बबलू काे अकेला पा कर पकड़ लिया। उसे इतना पीटा कि उसकी माैत हाे गई। बबलू का शव गांव में पहुंचते ही काेहराम मच गया। काेराेना के संक्रमण की परवाह किए बगैर पूरे गांव के लाेग अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

गांव-गांव में फैल रहा रंजिश का वायरस

परदेसियों के घर लाैटने की सूचना प्रशासन काे देने के कारण गांव-गांव में दुश्मनी पनप रही है। कई जगहों पर इसे लेकर मारपीट हाे चुकी है। थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही है। मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर में रामेश्वर सिंह काॅलेज के पीछे इसी बात काे लेकर हुए विवाद में जमकर मारपीट हाे गई।

जहानाबाद : दिल्ली से आए लोगों को क्वारेंटाइन करने गई प्रशासन की टीम पर हमला, पथराव

जहानाबाद के दयाली बिगहा गांव में सोमवार की दोपहर दिल्ली से आए लोगों को क्वारेंटाइन कराने गए बीडीओ डाॅ. अजय कुमार और ओपी प्रभारी चंद्रशेखर कुमार पर बाहर से आए कुछ लोगों के परिजनों ने जानलेवा हमला बोल दिया। गुस्साए परिजनों ने प्रशासन के लोगों पर जमकर पथराव किया और वहां पर लगे ओपी प्रभारी और बीडीओ के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। हमले में बीडीओ, ओपी प्रभारी और बीडीओ की गाड़ी के चालक जख्मी हो गए। पथराव करने वाले लोगों ने ओपी प्रभारी के मोबाइल भी छीन लिए।

समाज के प्रहरी को ही मार डालेंगे तो फिर कैसे हारेगा कोरोना

जब आदमी, बचाने वाले को ही मार दे, तो क्या कहेंगे? खुद सोचें, तय करें; तभी बचेंगे। बबलू की मौत बेहद कायराना हरकत है। कोरोना से लड़ती इस दुनिया में बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो खुद जांच कराए और खुलेआम किया कि उनको कोरोना है। लोग ठीक हो रहे हैं। इसमें लज्जा, इज्जत जैसी बात कहां से आती है? यह तो अपने, सबको को बचाने की बात है। कृपया, इस सामूहिक लड़ाई को कमजोर न करें। ध्यान रखें, बबलू जैसा समाज का सजग प्रहरी मारा जाएगा, तो आप और हम चाहकर भी नहीं बचेंगे। क्याेंकि, कोरोना, मौत की चेन बनाता है।

Input : Dainik Bhaskar

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