गरमी के आते ही बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में जापानी बुखार अपनी दस्तक देना शुरू कर देगा. मगर इस बीच एक वेबसाइट की खबर ने खलबली मचा दी है. खबर के मुताबिक, मुजफ्फरपुर जिले के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में सौ फीसद टीकाकरण का दावा गलत है.

मुजफ्फरपुर के जिला प्रतिरक्षा पदाधिकारी डॉ आरपी सिंह ने जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने इस बात को कुबूल किया. उन्होंने इस खबर की पुष्टि करने के साथ ही जल्द ही मुजफ्फरपुर में टीकाकरण से वंचित बच्चों को टीका लगवाने का आश्वासन दिया.

दरअसल, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार ने जिल के प्रभावित इलाकों में जांच टीम भेजकर सर्वे करवाया कि क्या वहां वाकई टीकारण हो गया है? जांच में पाया गया कि चमकी बुखार से सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंडों में 10 से 50 फीसद तक बच्चे अभी भी जापानी बुखार के टीकाकरण से वंचित हैं. पिछले साल मुजफ्फरपुर के इन इलाकों में चमकी बुखार से तकरीबन 185 बच्चों की मौत हो गई थी.

इन मौतों के बाद सरकारी और निजी जांच में यह पाया गया था कि इस क्षेत्र के ज्यादातर बच्चे जापानी बुखार के टीके से वंचित हैं.

इस साल तीन फरवरी से मुजफ्फरपुर में विशेष टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई. इसके तहत जिले के शून्य से 15 वर्ष के सभी बच्चों को यह टीका लगाया जाना था. टीकाकरण के लिए तय समय के बाद राज्य मुख्यालय को संबंधित विभाग ने रिपोर्ट भेज दी कि जिले जापानी बुखार का सौ फीसद टीकाकरण हो गया है.

मगर जब राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिले के छह प्रखंडों में जेई टीकाकरण की जांच की तो उनका सामना ऐसे बच्चों से हुआ जिनका टीकाकरण नहीं हुआ था. जांच में पता चला कि सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंडों में 20 से 50 फीसद तक बच्चों का टीकाकरण नहीं किया गया है. यह हाल तब है जब इन प्रखंडों के हरेक गांव में टीम जांच के लिए नहीं गई.

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इससे पहले भी सीएसडी के सर्वे में यह बात सामने आई थी कि पिछले साल जिन बच्चों का टीकाकरण हुआ था उनमें से 58.1 फीसदी बच्चों को जेई का टीका नहीं लगा है.

मुजफ्फरपुर के जिला प्रतिरक्षा पदाधिकारी डॉ आर.पी सिंह से इस मामले में बात करने पर वे कहते हैं, “प्रखंडों से आई रिपोर्ट सीधे मुख्यालय भेज दी गई थी.” वे इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि विभाग से चूक हुई है. लेकिन वे इस चूक को जल्द सुधारने का दावा भी कर रहे हैं. लेकिन वह एक तय तिथि बताने को तैयार नहीं है.

सबसे बड़ी समस्या यह है कि कि महज डेढ़ महीने में जापानी बुखार दस्तक देना शूरू कर देगा. ऐसे में बस वे केवल इतना भर कर रहे हैं विभाग चुस्ती के साथ टीकाकरण करेगा. लेकिन सवाल यह उठता है कि टीकाकरण की रिपोर्ट इस बार झूठी नहीं सौंपी जाएगी इसकी गारंटी कौन लेगा?

Input : Aaj Tak

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