बाढ़ और बारिश ने लोगों की मुश्किलें हर तरह से बढ़ा दी है। सब्जी के भाव तो आसमान छू रहे हैं। खासकर हरी सब्जियों की कीमत मानों आग लग गई है। कोई सब्जी 40 रुपए से कम नहीं है। ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का पानी फैल जाने से सब्जी की खेती पर खासा असर पड़ा है। इसके कारण सब्जी के भाव और बढ़ गए हैं। हाल यह है कि हर सब्जी बाजार में सब्जियों के दाम अलग अलग है।

टमाटर की कीमत कल्याणी चौक पर 60 रुपए तो कलमबाग चौक पर 70 रुपए किलो रही। ठेले पर घूम-घूम कर सब्जी बेचने वाले विक्रेता तो और अधिक कीमत वसूल रहे हैं। सब्जी विक्रेता नंदू साह ने कहा कि थोक बाजार में ही सब्जी के भाव अधिक है। इससे भाव चढ़ गए हैं। बरसात में हरी सब्जी खराब हो जाने से ऐसे भी कीमत बढ़ जाती है।

जिले के कई गांव भी बारिश और बाढ़ से पहले से ही प्रभावित हैं। मिठनपुरा की शांति देवी कहती हैं – भाव में उछाल से रसोई का स्वाद और बजट दोनों गड़बड़ हो गया है। व्यवसाय से जुड़े लोगों की मानें तो बारिश का स्थानीय उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है। टमाटर की आवक थोक बाजार में भी कम है। बाढ़ और बारिश की वजह से अधिकांश राज्यों में सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है, जिसके चलते खुदरा बाजार में प्याज की कीमत बढ़ गई है।

शहर के बाजारों में सब्जियों के भाव

सब्जी – कीमत किलो

आलू – 150 रुपए पसेरी

प्याज – 80 रुपए पसेरी

परवल – 40-60 रुपए किलो

गोभी – 100 रुपए किलो

भिंडी – 30 रुपए किलो

नेनुआ – 25 रुपए किलो

करेला – 30-40 रुपए किलो

टमाटर – 60-70 रुपए किलो

कद्दू – 20-25 रुपए

बंधा गोभी – 40 रुपए किलो

कुंदरी – 40 रुपए किलो

बैगन – 50 रुपए किलो

खीरा – 30 रुपए किलो

Input : Dainik Bhaska

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