मुजफ्फरपुर : बाएं के बदले दाहिने के आपरेशन कर देलई हो हजूर..। अब पूरा परिवार पर आफत आ गेल। इतना कहते ही नीरज कुमार की आंख डबडबा गईं। झपहां द्रोणपुर के नीरज कुमार ने आपबीती सुनाई। बताया कि उसके पिता शत्रुघ्न महतो को लेकर 21 को मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल आए थे। वहां 22 को आपरेशन हुआ। 23 को कई मरीजों ने शिकायत की कि उनका आंख नहीं खुल रही है। वहां के कर्मियों ने बताया कि घर पर जाकर गर्म पानी से सेंक करिए सब ठीक हो जाएगा।
नीरज ने कहा कि अस्पताल के कर्मी को पता था कि जिन 65 लोगों का आपेरशन हुआ। उनकी आंख में संक्रमण है, लेकिन उसको दबा दिया गया। जब घर गए तो उसकी आंख से मवाद आने लगा। उसके बाद परेशानी बढ़ गई। तब यहां पर आए। आई हास्पिटल में इलाज नहीं हुआ। वहां से एक निजी अस्पताल में गए वहां पर पांच सौ शुल्क लिया गया। शुल्क लेने के बाद भी बताया गया कि दस हजार की राशि फीस जमा करें आंख निकालना होगा। उसके बाद सीएस से मिले अब यहां एसकेएमसीएच में आकर आपरेशन कराना पड़ा है।
एसकेएमसीएच से लेकर सदर अस्पताल तक भटक रहे मरीज चिकित्सक नहीं सुन रहे उनका दर्द
घर गए तो आंख से आने लगा मवाद, परेशानी बढ़ी तो आई हास्पिटल पहुंचे, नहीं हुआ उपचार
भरत पंडित एसकेएमसीएच में भर्ती है। उनकी एक आंख निकाल ली गई है, लेकिन उनकी दूसरे आंख से दर्द नहीं जा रहा है। इससे वह परेशान हैं। आरोप लगाया कि एसकेएमसीएच अस्पताल प्रबंधन की ओर से सही तरीके से इलाज चल रहा है। वहीं, आई हास्पिटल में जिस तरह से इलाज हुआ उसकी याद कर स्वजन सहम जाते हैं।
Source : Dainik Jagran
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