मुजफ्फरपुर की लीची अब हिमाचल प्रदेश में भी अपनी खुशबू बिखेरेगी। वहां के 24 किसानों ने राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में आकर लीची की खेती की बारीकियों की जानकारी ली। किसानों ने यह प्रतिबद्धता दिखाई और कहा कि लीची का दायरा पूरे प्रदेश में फैलाएंगे। प्रशिक्षण के क्रम में एनआरसी के निदेशक डॉक्टर विशाल नाथ ने बताया कि लीची के उत्पादन के लिए किसानों को तकनीकी ज्ञान की जरूरत होगी। बगैर इसके न अच्छे पेड़ लग पाएंगे और न बेहतर उत्पादन ही हो पाएगा। किस समय बागों में प्रबंधन करना है। मंजर आने के बाद काैन सी व्यवस्था करनी है, मंजर पर काैन सी दवा का छिड़काव करना है, कितने तापक्रम पर लीची का फलन अधिक होगा। इन सबका ज्ञान आवश्यक है। कार्यक्रम में प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. विनोद कुमार एवं डाॅ. आर के पटेल ने जल प्रबंधन, बाग प्रबंधन के संबंध में विस्तृत जानकारी किसानों को दी। वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव, संजय कुमार सिंह ने कहा कि शाही लीची मुजफ्फरपुर की पहचान है। इसके फलन में किट प्रबंधन किए बगैर बेहतर परिणाम नहीं ले सकते। माैके पर डाॅ. अलेमवती, डाॅ. इवनिंग, स्टोन वद्र, प्रवीण कुमार, मेहर चंद्र, कश्मीर सिंह, रविन्द्र कुमार, रमेश चंद्र ,सुरेश वालिया, पियार चंद्र, ओमप्रकाश, विशन दास आदि थे।

इनपुट :  दैनिक भास्कर 

Pic by Shruti Mehta

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