पटना और मुजफ्फरपुर की हवा में मंगलवार को प्रदूषण की मात्र घट गई। सोमवार को दोनों शहरों की वायु गुणवत्ता देशभर में सर्वाधिक प्रदूषित थी। बीते 24 घंटे के दौरान पीएम2.5 का स्तर घटकर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से नीचे आ गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से मंगलवार को जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक पीएम2.5 पटना में 279 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया। मुजफ्फरपुर का पीएम2.5 स्तर 258 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया। वहीं गया का पीएम2.5 स्तर 156 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया।

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प्रदूषण पर नियंत्रण के कारगर उपाय नहीं : शहर के प्रदूषण पर नियंत्रण के उपाय कारगर साबित नहीं हो रहा है। शहरवासियों को धूल से राहत नहीं मिल रही है। प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के आकंड़ों पर गौर करें तो मंगलवार को मुजफ्फरपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 258 रिकॉर्ड किया गया। दोनों जिलों का रिकॉर्ड बराबर है। प्रदूषण का कारण सूक्ष्म धूलकण (पीएम 2.5) है। नाला से निकलने वाले कचरा का निष्पादन नहीं किया जा रहा है। धुंआ का असर रहा। लोग सतर्कता बरत रहे है और घरों से बाहर निकलने में मास्क लगा रहे हैं। इसके साथ ही मुजफ्फरपुर में सूक्ष्म धूल कणों की मात्र अधिक होने से प्रदूषण फैल रहा है। धूल कण फैलने से रोकने पर उचित कदम नहीं उठा रहा है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। वहीं मुजफ्फरपुर जिले में कई इकाइयां प्रदूषण नियंत्रण के विरुद्व चल रही है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने इससे बंद कर आवश्यक कार्रवाई की अनुशंसा की।

  • पुराने जेनरेटर व जीरॉक्स मशीन को अभियान चलाकर किया जाएगा जब्त
  • लकड़ी और कोयला से चूल्हे जलाने वालों पर कार्रवाई का निर्देश
  • शहर में बढ़ते प्रदूषण से निजात दिलाने को बनी रणनीति
  • विभिन्न विभागों और प्रदूषण बोर्ड अधिकारी के साथ डीएम ने की बैठक

मुजफ्फरपुर : जिले में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण से निजात दिलाने को लेकर प्रशासन गंभीर नजर आ रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को डीएम आलोक रंजन घोष ने अधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति तैयार की। अब खुले में कचरा जलाने वालों पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। पुराने जनरेटर एवं जीरॉक्स मशीन को अभियान चलाकर जब्त किया जाएगा। शहर में ग्रीन कवर से ढ़कवाकर गृह निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए निर्माणाधीन प्राइवेट बिल्डिंग, मॉल और संस्थानों में इसे सख्ती से लागू कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही शहर के जिन सड़कों पर बालू लदे ट्रक या भारी वाहन चलते है, वहां नगर निगम एवं आरसीडी को पानी के छिड़काव कराने को कहा गया है। निजात को जनजागरण अभियान जरूरी : डीएम ने कहा कि वायु प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए निर्धारित नियमावली का अनुपालन करना आवश्यक है। विभिन्न विभागों के परस्पर समन्वय एवं सामुदायिक भागीदारी से इसपर नियंत्रण किया जा सकता है। इसके लिए जन जागरण अभियान चलाने की भी जरूरत है। उन्होंने सभी विभागों को सख्त निर्देश दिया कि उनके द्वारा की गई करवाई से संबंधित प्रतिवेदन शीघ्र उपलब्ध कराएं। नगर निगम, आरसीडी ,परिवहन, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग विभाग के अधिकारियों को कहा कि जनहित को देखते हुए अपने दायित्वो का निर्वहन ईमानदारी से करने को कहा।

वाहनों की नियमित होगी जांच

जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि शहर की इंट्री एवं एग्जिट पॉइंट पर नियमित तौर पर वाहनों के प्रदूषण जांच को अभियान चलाए। शहरी क्षेत्र में लकड़ी और कोयला से चूल्हे जलाने वाले को चिह्न्ति कर कार्रवाई करने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया।

Input : Dainik Jagran

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