मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर के ऑक्सीजन प्लांट को भी कोरोना ने अपने चपेट में ले लिया है. ऑक्सीजन प्लांट में काम करने वाले 6 कर्मियों और अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. ऑक्सीजन प्लांट में आने वाले लोगों की संख्या में इन दिनों इजाफा हुआ है जिसके कारण संक्रमण फैला है. प्लांट के सभी लोगों को आइसोलेशन में भेज दिया गया है. वहीं पूरे प्लांट को सेनेटाइज किया जा रहा है.
मुजफ्फरपुर समेत पूरे बिहार में कोरोना वायरस का भयंकर प्रकोप देखने को मिल रहा है. वहीं मौत के आंकड़ों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. शुक्रवार शाम को बीते 24 घंटे में 54 मरीजों ने अपना दम तोड़ दिया. सबसे ज्यादा मौत के मामले एनएमसीएच से आए हैं जहां पर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर थे. पीएमसीएच में 7 और पटना एम्स में भी 5 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई. बिहार में 48 घंटे में करीब 113 लोगों की मौत हुई.
कोरोना पर जानकारी देते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में लगातार रिकवरी रेट में गिरावट दर्ज की जा रही है. रिकवरी रेट 79.28 तक पहुंच गया है. राज्य में ज्यादातर मरने वालों में सीनियर सिटीजन हैं. आईएमए के कार्यकारी अध्यक्ष डॉय अजय कुमार का कहना है कि कोरोना का दूसरा स्ट्रेन इतना घातक है कि जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी है उन्हें यह काफी नुकसान पहुंचा रहा है.
यह नया स्ट्रेन बच्चों और नौजवानों को भी प्रभावित कर रहा है और उन्हें मौत के मुंह तक धकेल रहा है. डॉ. का कहना है कि पॉजिटिव होने के 3 से 4 दिन में सांस लेने में परेशानी होने लगती है जिसके बाद लगातार ऑक्सीजन लेवल नीचे गिरने लगता है.
Source : Hindustan