मुजफ्फरपुर के कांटी में नया बिजलीघर बनेगा। राज्य सरकार ने इस संबंध में केन्द्र को प्रस्ताव दिया है। कांटी में पुरानी यूनिटों को बंद करके इनके स्थान पर 660 मेगावाट क्षमता का बिजलीघर लगाने की योजना है। ऐसे संभावना 800 मेगावाट क्षमता के नए बिजलीघर के निर्माण को लेकर भी है। दरअसल, कांटी में यूनिट 1 और 2 अपनी उम्र पूरी कर चुका है। ऐसे में इसे बंद करने का फैसला किया गया है। जर्जर होने के कारण यहां की बिजली काफी महंगी हो गयी थी, जबकि इससे आधी कीमत पर बाजार में बिजली उपलब्ध थी। लिहाजा, बिहार ने इससे बिजली लेने से इंकार कर दिया। खरीददार नहीं होने के कारण एनटीपीसी ने इसे बंद करने का फैसला किया है।
ऐसे राज्य सरकार चाहती है कि कांटी में नये बिजलीघर में दो यूनिट की संभावना तलाशी जाए। कांटी बिजलीघर के निकट कृषि विभाग की 15 एकड़ जमीन है, राज्य सरकार उसे बिजलीघर को देकर नई यूनिट स्थापित करने की योजना बना रही है। इस जमीन के मिलने के बाद बिजलीघर की कालोनियों को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद शेष बची जमीन के साथ बिजलीघर की जमीन को मिलाकर वहां नई यूनिट के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध हो सकेगा।
फिलहाल कांटी में दो नई यूनिटों (3 व4) से बिजली का उत्पादन हो रहा
फिलहाल यहां दो नयी यूनिटों (3 व4) से बिजली का उत्पादन हो रहा है। कांटी में 250-250 मेगावाट क्षमता की दो नयी यूनिट के निर्माण का निर्णय वर्ष 2006 में लिया गया था। लेकिन चिमनी की उंचाई को लेकर एयरपोर्ट अथारिटी की आपत्ति के बाद बिजलीघर की क्षमता घटाकर 195-195 मेगावाट की गयी। वर्ष 2009-10 में 390 मेगावाट की दो यूनिट को मंजूरी मिली।
नई तकनीक के प्लांट से सस्ती होगी बिजली
कांटी बिजलीघर की दोनों पुरानी यूनिट बंद होने के बाद हमने वहां 660 मेगावाट के नए बिजलीघर के निर्माण को कहा है। नए बिजलीघर के निर्माण के लिए वहां पूरा संसाधन मौजूद है। ज़मीन और पानी की उपलब्धता के साथ आवश्यक इंफ़्रास्ट्रक्चर होने के कारण नयी यूनिट में परेशानी नहीं होगी। नयी तकनीक पर बिजलीघर बनेगा तो वहां की बिजली भी सस्ती होगी। -विजेंद्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री
Source : Dainik Bhaskar