बिहार के मुजफ्फरपुर के ब्रेन डेड मरीज रोहित के देहदान ने पांच लोगों को जीवनदान दिया है। इनमें से चार का अंग प्रत्यारोपण आईजीआईएमएस में और एक का कोलकाता के मेडिका अस्पताल में हुआ। हार्ट (दिल) कोलकाता भेजने के लिए अस्पताल से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।

इस तरह आईजीआईएमएस ने नया कीर्तिमान बनाया। अस्पताल में लिवर का पहली बार प्रत्यारोपण हुआ है। चार लोगों में एक को रोहित का लिवर, एक को किडनी और दो को आंख का कॉर्निया मिला है। जबकि कोलकाता के मरीज में रोहित का दिल (हार्ट) लगाया गया है। आईजीआईएमएस के संबंधित विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने पांच से सात घंटे के ऑपरेशन के बाद प्रत्यारोपण में सफलता प्राप्त की है।

अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि पांचों मरीजों की स्थिति क्या है, इसकी जानकारी 48 घंटे के बाद ही मिल पाएगी। ब्रेन डेड मरीज का कौन अंग कितना काम कर रहा है, यह मरीज के होश में आने के बाद पता चलेगा। जिस मरीज का लिवर प्रत्योरोपण हुआ था, वह पिछले चार वर्षों से प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहा था।

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर कोलकाता भेजा गया हार्ट 
रोहित का हार्ट उसके शरीर से निकलने के ढाई से तीन घंटे के भीतर किसी दूसरे मरीज में प्रत्यारोपित करना था। इसके लिए हार्ट निकलने के बाद आईजीआईएमएस से एयरपोर्ट के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाकर कोलकाता भेजा गया। दोपहर 1 बजकर 15 मिनट से 1 बजकर 45 मिनट के बीच आईजीआईएमएस से बेली रोड होते हुए एयरपोर्ट तक के एक लेन को ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। कोलकाता से आई डॉक्टरों की टीम ने आईजीआईएमएस से एयरपोर्ट की दूरी मात्र नौ मिनट में तय की। सुरक्षा जांच भी तत्काल की गई और इंडिगो की फ्लाइट से दिल को कोलकाता ले जाया गया।

सोटो और रोटो की ली गई सहमति 
मरीजों के अंग प्रत्यारोपण के लिए स्टेट ऑर्गन टिश्यू ट्रांसप्लांटेशन ऑर्गनाइजेशन (सोटो) और क्षेत्रीय अंग प्रत्यारोपण संगठन (रोटो) से मंजूरी ली गई। अधीक्षक ने बताया कि रोटो के निर्देश पर रोहित का हार्ट कोलकाता के मरीज को लगाया जा रहा है। जिन लोगों ने अंग प्रत्यारोपण के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन कराया था, उनको बुधवार दिन के 10 बजे सूचना दी गई। इसके बाद दिन के दो बजे से ऑपरेशन शुरू किया गया।

सड़क दुर्घटना में घायल हुआ था रोहित
रोहित मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के बिहजीवार गांव का रहने वाला था। 13 मार्च को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुआ था। 15 मार्च को उसे आईजीआईएमएस में भर्ती कराया गया था। उसे मंगलवार दिन तक होश नहीं आया था। जिसके बाद डॉक्टरों ने मंगलवार की देर रात जांच कर उसके ब्रेन डेड होने की घोषणा की। इसके बाद दिन के 10 बजे दोबारा जांच की गई। फिर उसके परिजनों को इसकी जानकारी दी गई। परिजनों ने उसके अंग को दान करने की सहमति दे दी। तब तत्काल रोटो के कोलकाता स्थित कार्यालय में सूचना दी गई। वहां से एक हार्ट मरीज की सूची मिली जो कोलकाता के मेडिका अस्पताल में भर्ती था।

Input: Live Hindustan

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD