महापौर सुरेश कुमार की जिद में खराब स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत फंस गई है। राशि का भुगतान नहीं होने से नाराज लाइट लगाने एवं रखरखाव करने वाली एजेंसी ने खराब लाइटों की मरम्मत का काम रोक दिया है। नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने एजेंसी के भुगतान की फाइल महापौर को भेजी थी जो महापौर के पास पिछले एक पखवारे से फंसी हुई है।
नगर आयुक्त कई बार महापौर को मौखिक एवं लिखित फाइल को लौटाने का अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन नगर आयुक्त को महापौर ने फाइल नहीं लौटाई है। नगर आयुक्त का कहना है कि सरकार ने एजेंसी के भुगतान के लिए 10 दिनों का समय दिया है। भुगतान नहीं होने पर निगम को सरकार से मिलने वाले अनुदान से वंचित होना पड़ेगा और कार्रवाई भी झेलनी पड़ेगी। वहीं, महापौर का कहना है कि नगर आयुक्त ने उनको फाइल भेजी है, लेकिन उनको क्या करना है नहीं बताया है। फाइल पर न उनके अनुमोदन की बात है और न हीं अवलोकन की। सिर्फ फाइल भेज दी गई है। वे उसका अध्ययन कर रहे हैं। वह अब ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहते ताकि आटो टिपर घोटाले की तरह अन्य किसी घोटाले में उनको फंसा दिया जाए।
शहर में एलईडी लाइट लगाने एवं उसके रखरखाव को लेकर फरवरी 2018 में नगर निगम एवं ईईएसएल के बीच करार हुआ था। एजेंसी द्वारा इसके बाद शहर में 14061 एलईडी वेपर लाइट शहर के सभी वार्डों में लगाया गया। लाइट लगाने के बाद एजेंसी उनके रखरखाव का कार्य कर रही थी। इसके बदलने निगम को किश्तों में एजेंसी को 4.47 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। नगर आयुक्त ने 63 लाख रुपये के भुगतान का फाइल महापौर के पास भेजा है।
Input: Dainik Jagran