देश के अन्य हिस्सों में कोरोना संकट के इस काल में अभिनेता, सांसद, विधायक या अन्य राजनीतिक दल के लोग आगे आ कर कोरोना संक्रमित मरीजों की मदद करते दिख रहें हैं या सोशल मीडिया पर राहत के लिए संपर्क साधने पर तुरंत मदद पहुंचाते दिख रहें हैं लेकिन मुजफ्फरपुर हमेशा कि तरह से इस विपदा की घड़ी में राजनीतिक सहयोग से वंचित हीं रहा है। ऐसे में लोगों ने विपदा की इस घड़ी में जिन्हे अपने प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी देश के शीर्ष स्थान अर्थात संसद में दिया था उनकी ओर रुख किया, जमीन पर सरकारी व्यवस्थाओं जिसकी दुरुस्ती की जिम्मेदारी भी उन्ही प्रतिनिधियों के हाँथ है उसी की कमी से निराश-हताश अपनों को ले दवाइयों,अस्पताल और ऑक्सीजन के लिए इधर उधर भागते बदहवास लोगों ने जब देश भर में सोशल साइट्स पर मिल रहे मदद से आशान्वित हो अपने मुजफ्फरपुर के प्रतिनिधि की ओर रुख किया तो वहाँ वेरिफाइड अकाउंट थामे प्रतिनिधी के ओर से निराशा ही हाँथ लगी। ऐसे में महिनों से नजर नहीं आ रहे जनप्रतिनिधियों की खोज ख़बर के लिए मुजफ्फरपुर और वैशाली के लोगों ने अनोखा तरीका अपनाया है।
वैशाली की सांसद का पता बताने वाले को पाँच हजार रुपए का पारितोषिक देने का ऐलान करते हुए वैशाली जिला नागरिक विकास परिषद ने पोस्टर जारी कर दिया है। मुजफ्फरपुर में तो मामला और भी अजीब तब हो गया जब वैशाली की तर्ज पर वहाँ के सांसद का पता बता देने या मदद मांगते किए गए किसी सोशल मिडिया पोस्ट पर एक आश्वासन रुपी अधिकारिक रिप्लाई दिखा देने पर ग्यारह रुपए मात्र का पारितोषिक रखा है। सोशल मिडीया पर सक्रिय युवाओं के समूह ने जब ये घोषित किया उसके बाद प्रतिक्रियाओं में बेबसी से उपजी मुजफ्फरपुर की जनता की नाराज़गी साफ देखी जा सकती है।
बगल के वैशाली के टिकट का रेट महंगा, इसलिए इनाम भी मंहगा रखा है जनता ने।
अपने #मुजफ्फरपुर में तो वंशवाद और जातिवाद है इसलिए अपने वाले Memer of Parliament के लिए 11 रुपये इनाम हम रखतें हैं। क्षेत्र में मदद तो दूर ट्विटर पर मांगे एक मदद का जवाब मिले तो 11 आपका #MuzaffarpurAsks pic.twitter.com/5INUT9HiVa
— Thakur Divya Prakash (@Divyaprakas8) May 7, 2021
कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच जान बचाने के लिए जरूरी ऑक्सीजन, अस्पतालों में बेड की जनकारी, दवाईयों के उपलब्धता की जानकारी, कोविड संक्रमित परिवारों के दवाइयों और खाने का इंतजाम शहर के युवाओं ने अपनी अपनी क्षमता से आपसी सहयोग और एकजुटता से कर के मुजफ्फरपुर के जागृत समाज के सामाजिक जिम्मेदारी के निर्वहन का स्वरूप रखा लेकिन जनप्रतिनिधियों का यूं ऐसे हालात में जनता के बीच से गायब होने को निजी भय या स्वयं की सुरक्षा के रुप में देखा समझा जा सकता है लेकिन वरचुअल रुप से भी निष्कृय रहना हर उस व्यक्ति के अंदर गुस्सा और बेहतर जनप्रतिनिधि पाने की लालसा से भर दे रहा है जो देश के अन्य हिस्सों के जनप्रतिनिधियों को सिर्फ अपनी जनता ही नहीं अपितु पूरे देश की मदद इस आपदाकाल में करते देख रहें हैं।
Apne memer of parliament brown munde h, ekdm desi
Ab desi ka rate to kam hi hota h, aur sehat ke liye hanikarak v— Nidhi (@maymay__girl) May 8, 2021
मुज. जिला के सभी प्रतिनिधि का यदि हाल है चाहे वे MLA हो या MP
— मनमोहन सिंह चौहान (@Msingh_Chauhan) May 8, 2021
11 mere taraf se bhi
— Aditya Chaudhary (@micalpha_19) May 7, 2021