कैंसर का नाम सुनते ही आम आदमी सिहर जाता है. मुंबई जैसे महंगे शहर में इसके इलाज का खर्च उठाना साधारण बात नहीं है. इसे देखते हुए सरकार ने टाटा मेमोरियल सेंटर से समझौता करके मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच परिसर में कैंसर अस्पताल बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है.
एसके मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को 15 एकड़ जमीन दी गई है. यहां होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में कैंप अस्पताल बनाकर कैंसर की ओपीडी और कीमोथेरैपी शुरू कर दी गई है. करीब 300 करोड़ रुपये की लागत वाले कैंसर हॉस्पीटल में न सिर्फ कैंसर पीड़ितों का इलाज होगा, बल्कि यहां यूजी, पीजी, नर्सिंग की पढ़ाई के साथ कैंसर पर रिसर्च भी होगा. अगले साल से कैंसर के महंगे इलाज के लिए इलाके के लोगों को मुम्बई नहीं जाना पड़ेगा.
इसके लिए बिहार सरकार की ओर से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और टाटा रिसर्च सेंटर के उपनिदेशक डॉ. पंकज चतुर्वेदी नें मिलकर समझौता पत्र तैयार कर लिया है. डॉ. पंकज चतुर्वेदी नें बताया कि टाटा इस प्रोजेक्ट पर 300 करोड़ खर्च करके 150 बेड का हॉस्पीटल बनाएगा. इससे मरीजों को काफी सुविधा होगी जो मुम्बई जाकर इलाज करवाने को विवश थे. साथ ही यहां कैंसर की पढ़ाई और रिसर्च के कार्य भी होंगे. बता दें कि एसकेएमसीएच ने इसके लिए 15 एकड़ जमीन दी है, जिसमें कैम्प अस्पताल बनाकर कैंसर का ओपीडी और कीमोथेरेपी शुरू भी कर दी गई है.
मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाके में इस बीमारी के फैलाव के सर्वे रिपोर्ट के आधार पर यहां यह अस्पताल बनाया जा रहा है. यहां मुम्बई स्थित कैंसर अस्पताल के समान स्तर का इलाज मरीजों को दिया जाएगा. एक ओर अत्याधुनिक भवन बनाने की तैयारी शुरू हो गई तो दूसरी ओर कैम्प हॉस्पिटल बनाकर कैंसर का ओपीडी और कीमोथेरेपी शुरू कर दिया गया है. एसकेएमसीएच के ऑपरेशन थियेटर में कुछ मामलों में सर्जरी भी की गई है. इसके साथ-साथ इस इलाके में कैंसर के प्रकार, कारण और निदान पर रिसर्च भी हो रहा है.
Input: news18