शहर में नौ एकड़ से अधिक जमीन पर संचालित मुजफ्फरपुर क्लब से संबंधित अपील पर सुनवाई के बाद एडीजे नौ कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने आदेश दिया कि निचली अदालत द्वारा सुनाया गया फैसला बरकरार रहेगा। जैतपुर स्टेट पक्ष के अधिवक्ता शंभू नाथ प्रसाद सिंह ने बताया कि क्लब की जमीन को जैतपुर स्टेट के हवाले करने का आदेश दिया गया है।

इस फैसले के साथ ही क्लब की जमीन पर जैतपुर स्टेट का कब्जा का रास्ता साफ होते दिख रहा है। बता दें कि मामले में जैतपुर स्टेट व क्लब की कमेटी के बीच काफी सालों से अदालत में मामला चल रहा था। जैतपुर स्टेट की ओर से क्लब की पूरी जमीन पर मालिकाना हक जताते हुए कोर्ट में वाद दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान 2015 में निचली अदालत ने क्लब की जमीन को जैतपुर स्टेट के हवाले करने का आदेश दिया था। इसके विरोध में क्लब कमेटी की तरफ से जिला व सत्र न्यायालय में अपील की गई थी। एडीजे कोर्ट ने मुजफ्फरपुर क्लब की अपील को खारिज कर दिया है।

इससे स्पष्ट है पूर्व में निचली अदालत द्वारा सुनाया गया फैसला बरकरार रहेगा। बताते चलें कि मामले में जैतपुर स्टेट से जुड़े पूर्व केंद्रीय मंत्री उषा सिन्हा व उनके पुत्र अनुनय सिन्हा ने कोर्ट में मुकदमा दायर किया था। जिसमें निचली अदालत ने अपने फैसले में क्लब की कमेटी को किराएदार मानते हुए 60 दिनों के अंदर जमीन खाली करने का आदेश दिया था। इधर, जैतपुर स्टेट के अनुनय सिन्हा ने कहा कि सत्य की जीत हुई है। उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा था। वहीं मुजफ्फरपुर क्लब के सचिव आरके साहू और क्लब के सदस्य डॉ. विकास कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि स्थानीय अदालत के फैसले के विरोध में उच्च न्यायालय जाएंगे।

Input: Dainik Jagran

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