जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को भावी मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने के मुद्दे पर कुशवाहा महासभा पीछे नहीं हटेगी। महासभा के नेताओं ने रविवार को जदयू नेताओं को चुनौती दी। कहा- उपेंद्र कुशवाहा को उनका समाज भावी सीएम के रूप में पेश करता रहेगा। इसमें किसी को आपत्ति है, तो वो जानें। अखिल भारतीय सम्राट अशोक समता परिषद के संरक्षक और वरिष्ठ जदयू नेता विनोद कुशवाहा ने कहा- पार्टी के कुछ नेता इसे बिना वजह मुद्दा बना रहे हैं।
उन्हें जो समझना है समझें, लेकिन अब होर्डिंग-बैनर लग गए तो हटेंगे नहीं। हालांकि, विवाद शांत करने की कोशिश भी की। कहा- फिलहाल सीएम नीतीश कुमार हैं और वही रहेंगे। लेकिन, आगे उनके समाज के नेता सीएम हों यह इच्छा जताने से कौन रोक देगा? भावी सीएम का पोस्टर लगने पर जदयू जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सहित कई नेताओं ने नाराजगी जताई थी। लेकिन, उपेंद्र कुशवाहा के समर्थक भी अपने स्टैंड पर अड़े हैं। यात्रा के दौरान भी सम्राट परिषद और कुशवाहा महासभा के लोग उनके साथ होंगे। पार्टी नेताओं के अनुसार गुटबाजी का असर यात्रा के दौरान दिखना तय है। जिला संगठन और पार्टी से जुड़े समाज के नेताओं के बीच स्वागत की होड़ रहेगी। असंतुष्ट गुट शहर में अलग कार्यक्रम के लिए उपेंद्र कुशवाहा से समय ले चुका है। इन नेताओं में स्वागत की तैयारी बैठक में विधान पार्षद दिनेश सिंह को शामिल करने पर भी नाराजगी है।
इधर, पूर्व विधायक महेश्वर यादव ने भी खाेला माेर्चा
उपेंद्र कुशवाहा की यात्रा की तैयारी को लेकर एमएलसी दिनेश सिंह का जदयू नेताओं के साथ बैठक में शामिल होने पर पूर्व विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने पार्टी के जिला नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या एमएलसी दिनेश सिंह का विस चुनाव के समय पार्टी विरुद्ध काम को लेकर दल से हुआ निलंबन वापस हो गया है? यदि नहीं तो वे किस हैसियत से संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष की यात्रा की तैयारी को लेकर जदयू नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। वे इतने पर ही नहीं रुके और जिला नेतृत्व और एमएलसी पर हमला करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव से पहले जिलाध्यक्ष को मिलाकर जदयू से सेटिंग में लगे हैं ताकि चुनाव में लाभ मिल जाए।
Input: Dainik bhaskar