बिहार जनणना निदेशालय ने अपनी वार्षिक ई पत्रिका ‘जनगणना स्वर’ की शुरुआत बड़कागांव के शहीदों से की है। निदेशालय की पहली पत्रिका के पहले पन्ने पर 1857 के विद्रोही वारिस अली व बड़का गांव के 28 शहीदों की कहानी को जगह दी गई है। यह ई पत्रिता जनगणना निदेशालय के अधिकारियों ने बनायी है। इसे इसी सप्ताह जारी किया गया है। निदेशालय की यह पत्रिका राज्य के सभी विभागों सहित केंद्र सरकार को भी भेजी गई है। निदेशालय की यह पहली ई पत्रिका प्रकाशित हुई है, जिसका विमोचन जनगणना निदेशक व मुजफ्फरपुर के पूर्व डीएम मो. सोहैल ने किया है। इस ई पत्रिका के संपादक मंडल में प्रधान संपादक के रूप में राजभाषा अधिकारी मोहन कुमार तिवारी, सहायक निदेशक निरंजन कुमार व अनुवादक रामकुमार सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इस ई पत्रिका में बरुराज पुलिस चौकी के तत्कालीन जमादार शहीद वारिस अली व बड़का गांव के रामदीन शाही समेत 17 शहीदों के नाम को अंकित किया गया है।
बड़कागांव के गुमनाम शहीदों की पुरी कहानी "जनगणना स्वर" ई पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। आदरणीय @sohail_ias सर और पूरे @CensusIndia2021 @PIBHomeAffairs की टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏@narendramodi @muzaffarpurlive @NitishKumar @BiharHomeDept @DM_Muzaffarpur pic.twitter.com/xw0Qq1nS5A
— Kumar Gaurav | कुमार गौरव (@IamYuvaGaurav) December 15, 2021
गांव में जश्न का माहौल
● जनगणना निदाशालय की ई पत्रिका में वारिस अली व 17 शहीदों के नाम शामिल
● ई-पत्रिका इसी सप्ताह हुई जारी, गांव में जश्न का माहौल, स्मारक पर होगा कार्यक्रम
ई पत्रिका में वीर सपूतों की कहानी को रिपोर्ताज के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमें बताया गया है कि छह जनवरी 2017 को तत्कालीन डीएम धर्मेंद्र सिंह ने इनको स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने व उनके नाम सेल्युलर जेल की दीवार पर लिखवाने की अनुशंसा की थी। इसमें 1857 में किन परिस्थितियों में तत्कालीन जमादार वारिस अली को फांसी व बड़कागांव के 27 सपूतों को कालापानी की सजा दी गई, इसका भी जिक्र किया गया है। इस पत्रिका के इस लेख में यह भी बताया गया है कि वारिस अली की कहानी सामने आने से पूर्व खुदीराम बोस को ही उत्तर बिहार का पहला शहीद माना जाता था। जबकि वारिस अली को 1857 में ही अंग्रेजों के विद्रोह के आरोप में फांसी की सजा दे दी गई थी। वहीं, ई पत्रिका में बड़का गांव के शहीदों के नाम शामिल होने के बाद गांव में जश्न का माहौल है। इन शहीदों के स्मारक पर ग्रामीण कार्यक्रम करने वाले हैं। इसकी तैयारी में सभी जुट गए हैं।
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