1 सितम्बर से नए ट्रैफिक कानून के बाद आपलोगों में जो फुर्ती आई है ओ वास्तव में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करने लायक है,क्योकि शायद ही कोई बिहारी बिहार के परिवहन और पुलिस महकमा को इतना सक्रीय रूप से अन्य किसी मामले में कार्य करते देखा होगा।
हम तो सोच रहे थे की क्यों न आप सभी को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामित करवा दिया जाए।मगर जैसे ही सोच रहे थी की एक बात और उसी समय आके टपक गया,उ बाएं वाला दिल कहने लगा की भाई क्यों दिलवाओगे इनको राष्ट्रपति सम्मान आखिर इन्होंने किया क्या है।
बिना सोचे समझे मेरे दाएं दिल ने जबाब दिया की भाई ई लोग 1 सितंबर से लगातार लोगो की सुरक्षा का ख्याल कर रहे है। सारा काम धाम छोड़ के लोगो की सुरक्षा में लगे है। इनको तो हर हाल में सम्मान मिलना चाहिए। तभी बाएं वाला दिल टोकते हुए जबाब देता है कि बंद करो अब ई अप्पन चमचेबाज़ी वाली बात,कभी सोचें हो की मुजफ्फरपुर में इतना दुर्घटना काहे होता है और ओ भी सबसे ज्यादा हाइवे पर और इसके पीछे कारण क्या है?
बिना देर किये हम्मर दाएं वाला दिल बोल दिया की तुम्ही बताओ क्या कारण है?
त बाएं वाला दिल बोलता है,सुनो कभी अपनी यात्रा का शुरुआत NH 28 के काजिन्दा चौक से करो और दिघरा,शेरपुर,कच्ची पक्की, गोबरसहि,भगवानपुर,चांदनी चौक होते हुए काँटी रोड की तरफ़ जाना तब गौर से देखना की ई जो चार लाइन बना है,रोड का उ दू लाइन पर क्या है।
सुनो उ दू लाइन पर बड़ा बड़ा ट्रक और गैरेज लगा हुआ और बना हुआ है।आम लोग आज भी सिर्फ 10 फिटिया वाल 2 गो रोड पर ही चलता है,चाहे जाम लगे या दुर्घटना हो।सब गैरेज और ट्रक वाला फोरलेन का आधा हिस्सा अपना बाबु जी का समझता है।
एक बात और पता है ,उ जो गैरेज वाला ट्रक वाला जो कब्ज़ा किये हुआ उसका भाड़ा आमजनता ही टैक्स के रूप में रोज चुकाता है।
और एक बात और बताते है ,पिछलका अख़बार खोल के देख लेना सबसे ज्यादा दुर्घटना एहे सब जगह पर होता है,गाड़ी वाला ओवरटेकिंग करता है।लोगो को दाएं बाएं जगह नही मिलता,सीधे कहानी खत्म हो जाता है। और फिर लोग जाम लगाते है वही जहाँ पहिले से दू गो लाइन पर लगा रहता है लेकिन उ दुःख के घड़ी में ई सब पर ध्यान जाता है नही।अरे भाई जे जनता के अप्पन हमलेट ला ध्यान नही रहता उ एतना बड़ा मामला पर क्या ध्यान देगी।ओ हो पुलिस वाला टोकता है तब याद आता है।
तब फट से हम्मर दाए वाले दिल बोला की भाई तो इ सब अवैध तरीके से कब्ज़ा किये माफिया सब को हटायेगा कौन और ये जिम्मेदारी है किसकी।
तब फेर बाएं वाला दिल बोला,ओहे जिसको आप राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामित कर रहे थे परिवहन और पुलिस प्रशासन।जो आपके सुरक्षा में रात दिन गैरेज वाला के पास जाकर मलाई और मुन्नी बाई चाभती है।
फिर हम सोचे की बात इसका सही है,इनलोगों को तो राष्ट्रपति पुरस्कार की जगह कोर्ट के आपराधिक मुकदमा के लिए नामित करना चाहिए,क्योकि ये लोग पिछले कई सालों से हजारों लोगो के हत्यारा है।
आखिर सरकार जिसके लिए फ़ोर लाइन बनाकर आम जनता से टैक्स लेती है उसको तो सिर्फ मौत मिलता है। और सरकारी महकमा किसी खाली चौराहे पर आमलोगों को प्रदूषण और इन्सुरेंस के नाम पर दलाली कर फिर रही है।
चलिये आपके बातों को हम लिख तो दिए मगर आप भी कुछ अपना कार्य कर लीजिए जो सुतलो में कर सकते है फैला दीजिये इसको ताकि प्रशासन को यह याद आये की सही में सुरक्षा के पीछे चूक कहाँ हो रही है।