मुजफ्फरपुर जंक्शन ए वन ग्रेड होने के बावजूद यात्री सुविधाओं में फिसड्डी है। जंक्शन के सभी प्लेटफार्म पर अव्यवस्था का आलम है। प्लेटफार्म संख्या एक भी इससे अछूता नहीं है। यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल न करते हुए रेलवे के अलग-अलग विभागों ने अपने फायदे के लिए प्लेटफार्म संख्या एक पर कब्जा जमा रखा है। इस कारण इस प्लेटफार्म पर यात्रियों का चलना भी दुश्वार हो गया है।
600 मीटर लंबे इस प्लेटफार्म पर कहीं भी ऐसी जगह नहीं बची है, जहां यात्री बेफ्रिक होकर आराम से चल सके। विभागों ने अपना सामान भारी मात्रा में प्लेटफार्म पर जमा लिया है। प्लेटफार्म के एक हिस्से में आरएमएस के हजारों पैकेट पड़े हैं तो दूसरे हिस्से में रेलवे के पार्सल का ढेर लगा है। बचे हिस्से में बॉक्स पोर्टल के सैकड़ों बॉक्स प्लेटफार्म पर पड़े हैं। इसके बाद भी बची-खुची जगहों पर रेलवे ने स्टॉल खुलवा दिया है। अमूमन डाउन लाइन की सभी महत्वपूर्ण ट्रेनें प्लेटफार्म संख्या एक पर ही आती हैं। ट्रेनों पर सवार होने के लिए हर दिन प्लेटफार्म पर अफरातफरी मची रहती है। इस स्थिति में हर तरफ सामान बिखरे होने से दर्जनों यात्री गिरकर चोटिल होते हैं।
पिछले हफ्ते हुई थी मौत
बीते आठ नवंबर को भी प्लेटफार्म एक पर हर तरह का सामान बिखरा पड़ा था। यात्रियों की संख्या भी काफी थी। ट्रेन में चढ़ने के लिए हुई धक्का-मुक्की के क्रम में समस्तीपुर के सुशील झा ट्रैक पर गिर पड़े व ट्रेन से कट गए। दो महीना पहले भी हुई इस तरह की घटना में एक अन्य यात्री की मौत हुई थी। चोटिल होने की घटनाएं अक्सर होती हैं।
प्लेटफार्म पर लगतीं बाइकें
रेलकर्मियों की मनमानी इस तरह चल रही है कि वे अपनी बाइकें प्लेटफार्म पर ही लगाते हैं। कुछ दिन पहले बाइक हटाने के लिए जीआरपी ने अभियान चलाया था। अभियान खत्म होते सैकड़ों की संख्या में बाइकें फिर से लगने लगी हैं। प्लेटफार्म के जिस हिस्से में बाइकें लगाई जाती हैं, वह प्लेटफार्म एक को प्लेटफार्म पांच व छह से जोड़ता है।
रखी जाती निर्माण सामग्री
प्लेटफार्म संख्या तीन व चार का हाल भी कमोबेश एक की तरह ही है। यहां पिछले एक साल से निर्माण काम चल रहा है। इसको लेकर प्लेटफार्म के एक बड़े हिस्से को घेर दिया गया है। निर्माण सामग्री रख दी गई है। इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही के कारण तीन महीने का फुटओवर ब्रिज का कार्य पिछले एक साल से चल रहा है।
प्लेटफार्म संख्या एक पर विभागों का कब्जा कर वहां सामान रख देना गंभीर मामला है। यह यात्रियों के लिए जानलेवा साबित होगा। स्थानीय अधिकारियों ने इस मामले की जानकारी नहीं दी है। मामले की जांच कराई जाएगी। सभी विभागों को सामान हटाने का आदेश दिया जाएगा।
-सीएस प्रसाद, सीनियर डीसीएम, सोनपुर मंडल
Input : Live Hindustan