बाइक मैकेनिक की बेटी आकांक्षा ने नीट (नेशनल इलीजीबिटी कम इंट्रेंस टेस्ट) में सफलता का परचम लहराया है। उसने पहले प्रयास में ही ऑल इंडिया 1547 रैंक हासिल की है। उसका पूरा परिवार उसकी इस सफलता पर गौरवांवित है। उसने अपनी इस सफलता श्रेय अपने माता-पिता व भाइयों को दिया है। आकांक्षा डॉक्टर बन समाजसेवा करना चाहती है।

आकांक्षा के पिता दिनेश सिंह माड़ीपुर में बाइक रिपेयरिंग का काम करते हैं। उनकी एक छोटी सी दुकान है। मां रेणु सिंह इस सफलता पर अपनी बेटी की मेहनत श्रेय देती हैं। आकांक्षा ने कहा कि रैंकिंग के हिसाब से मेडिकल कॉलेज मिलेगा, लेकिन उसकी इच्छा मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज या लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली से पढ़ाई करने की है। उसका एक बड़े भाई दिवाकर वाराणसी से इंजीनियरिंग कर चुके हैं। एक भाई उज्जवल कुमार आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग कर रहे हैं।

आकांक्षा पिता ने दिनेश ने कहा कि बाइक मैकेनिक के रूप में बच्चों को इंजीनियरिंग व मेडिकल की तैयारी कराना आसान नहीं था। लेकिन, बच्चों में शुरू से लगन और मेहनत देख वह भी पीछे नहीं हटे। किसी तरह से उनकी पढ़ाई कराई। वे मूलरूप से मधुबनी जिले के रहने वाले हैं। 22 वर्षों से मुजफ्फरपुर में ही रह रहे हैं। फिलहाल, गोबरसही में रहते हैं। दिनेश कहते हैं कि आकांक्षा ने दसवीं व 12वीं बिहार बोर्ड प्रभात तारा स्कूल से पास की। दसवीं में उसने 80 फीसदी व 12वीं में 72 प्रतिशत प्राप्त किया था। आकांक्षा बताती है कि नीट की तैयारी के लिए वह नौ से दस घंटे पढ़ाई करती थी। लॉकडाउन में पढ़ाई की अवधि और बढ़ गई थी।

Input: Live Hindustan

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