बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए बालिका गृह कां’ड पर आज दिल्ली की साकेत कोर्ट में फैसले की सुनवाई टल गई है और अब फैसले का ऐलान 20 जनवरी को दिन के 2.30 बजे होगा। इस अहम फैसले की सुनवाई दिल्ली के साकेत कोर्ट में होनेवाली थी और बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बालिका गृह में ना’बालिग लड़कियों के साथ द’रिंदगी को अंजाम देनेवाले आ’रोपियों की सजा का ऐलान होने वाला था। सुबह से ही साकेत कोर्ट में गहमागहमी थी, लेकिन कोर्ट ने फैसला आज टाल दिया है।

TISS की रिपोर्ट में बच्चियों के साथ यौनशोषण का हुआ था खुलासा

बता दें कि 26 मई 2018 को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस(टिस) की रिपोर्ट में पहली बार बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों के साथ दरिंदगी का सच सबके सामने आया था, जिसमें मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 40 नाबालिग बच्चियों और लड़कियों से नशे का इंजेक्शन देकर उनके साथ की गई दरिंदगी और यौन शोषण होने की बात सामने आई थी।

इस मामले में आरोप है कि जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दरिंदगी हुई थी, वो ब्रजेश ठाकुर का है। इस मामले में ब्रजेश ठाकुर के अलावा उसके शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी आरोपी बनाए गए है।

मामले में 26 जुलाई 2018 को राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। अगले दिन यानी 27 जुलाई 2018 को सीबीआई ने बालिका गृहकांड की एफआईआर पटना स्थित अपने थाने में दर्ज की थी।

सीबीआई ने इस मामले में 21 को आरोपी बनाया। इसमें 10 महिलाएं शामिल हैं, जो कि बालिका गृह की लड़कियों के साथ हो रही दरिंदगी को न सिर्फ छिपाती रहीं, बल्कि बच्चियों को चुप रहने के लिए उनको यातनाएं भी देती रहीं। यही नहीं, मुजफ्फरपुर बालिका गृह में तैनात रसोइयां से लेकर गेटकीपर तक पर लड़कियों के साथ दुष्कर्म के आरोप लगे हैं।

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