सरैया के मध्य विद्यालय मणिकपुर में बीडीअाे द्वारा जांच के दाैरान शिक्षिका शांति देवी के हेडमास्टर से मिलकर बिना स्कूल गए हाजिरी बना कर 8 वर्षाें से वेतन लेने का मामला सामने अाया है। हालांकि अभी तक हेडमास्टर व शिक्षिका पर कार्रवार्इ नहीं हुर्इ। स्थानीय लाेगाें की शिकायत पर 31 दिसंबर 2018 काे बीडीअाे स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्हाेंने बच्चाें की संख्या से लेकर सभी जांच की। इस दाैरान शिक्षकाें की विद्यालय में उपस्थिति की भी जांच हुर्इ। इसमें 2018 में एक शिक्षिका कम पार्इ गर्इ, जबकि वर्ष 2017 व 2017 में शिक्षिका की हाजिरी बनी हुई थी। वहीं स्थानीय लाेगाें ने बताया कि शिक्षिका शांति देवी कभी भी स्कूल नहीं अाती हैं। उसे हम लाेगाें ने अाज तक नहीं देखा। फिर जब शिक्षिका के बारे में हेडमास्टर से पूछा गया ताे उन्हाेंने कहा, वह छुट्टी पर हैं अाैर टाल-मटाेल करने लगे। कर्इ बिंदुअाें पर जांच करते हुए हेडमास्टर से वेतन भुगतान के संबंध में पूछा गया। हेडमास्टर ने बीर्इअाे काे जिम्मेदार बता कर बात टाल दी। मामले में जब बीर्इअाे से पूछताछ की गर्इ ताे उन्हाेंने अनुपस्थिति पंजी के अाधार पर वेतन भुगतान करने के बारे में बात कही। एेसे में सरकारी राशि के गबन का मामला देखते हुए बीडीअाे ने डीएम काे रिपाेर्ट की, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं की गर्इ है।
शिक्षक संघ ने अधिकारियाें की मिलीभगत का लगाया आरोप | इधर, परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने मामले में अधिकारियाें की मिलीभगत का आरोप लगाकर हेडमास्टर एवं शिक्षिका पर कार्रवार्इ करने की मांग की है। प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने बताया, शिक्षिका शांति की 2010 में प्रशिक्षित के रूप में स्कूल में नियुक्ति हुई थी, लेकिन वह कभी स्कूल नहीं गई और वेतन ले रहीं थीं। BDO ने कई बिन्दुओं पर जांच की है। इसमें वरीयता के आधार पर शिक्षिका का नाम उपस्थिति पंजी में पहले हाेना चाहिए, लेकिन सबसे बाद में है। विद्यालय में जब भी काेर्इ विभागीय अनुश्रवण हाेता है ताे उपस्थिति पंजी पर अंतिम काॅलम में जांच अधिकारी हस्ताक्षर करते हैं, क्याेंकि अागे कुछ जाेड़ा नहीं जा सके, लेकिन शिक्षिका का उसी काॅलम में नाम दर्ज है। जांच अधिकारियाें द्वारा किए गए हस्ताक्षर पर ही शिक्षिका के हस्ताक्षर हैं। हेडमास्टर पर पहले से भी गलत ढंग से स्नातक ग्रेड में प्रमाेशन का लाभ लेने का अाराेप है। ब्रजवासी ने कहा, हेडमास्टर 30 अप्रैल काे सेवानिवृत हाे रहे हैं, इसलिए विभाग उन्हें बचाने में लगा है। उन्हाेंने कानूनी कार्रवार्इ की मांग की है। वहीं मामले काे लेकर शिक्षिका शांति देवी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हाे सका।
शिक्षक संघ का आरोप
अधिकारियाें की मिलीभगत से हेडमास्टर और शिक्षिका काे बचाने का किया जा रहा प्रयास
शिक्षिका जब तक स्कूल में आई तब तक उनकी उपस्थिति बनी है, जबसे वह छुट्टी लेकर गईं तब से स्कूल नहीं आई हैं। वेतन भुगतान का जिम्मा BDO का है। इस संबंध में मुझे जानकारी नहीं है। लखेंद्र प्रसाद सिंह, हेडमास्टर
शिक्षिका का वेतन बंद है। वह अभी कहीं प्रतिनियुक्त नहीं हैं। जांच के बाद वेतन बंद करने की कार्रवार्इ की गई थी। विजय कुमार झा, BDO
Input : Dainik Bhaskar