मुजफ्फरपुर. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति जिसे बिहार बोर्ड भी कहते हैं उसकी सूझबूझ का नुकसान मुजफ्फरपुर के बच्चों को उठाना पड़ा. कोरोना लॉकडाउन की वजह से घर से इंटर में एडमिशन के पहले दिन नाम लिखाने के लिए निकले लड़के-लड़कियों को शनिवार को रास्ते से लौटना पड़ा क्योंकि शहर में ना गाड़ियां चल रही थीं और ना रिक्शे. जो पैदल जा रहे थे उन्हें भी पुलिस ने लौटा दिया.
मुजफ्फरपुर में वीकेंड यानी शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन होता है जिसमें सब कुछ बंद होता है. बस दूध और दवा जैसी जरूरी सेवाओं को छूट है. इंटर एडमिशन के लिए जो छात्र-छात्रा निकले थे उन्हें रास्ते में पुलिस ने रोककर लौटा दिया. बिहार बोर्ड ने इंटर में दाखिले के लिए 8 अगस्त से 12 अगस्त का समय निर्धारित किया है जिसमें 8 और 9 अगस्त जिला में पूर्ण लॉकडाउन में ही निकल जाएंगे.
जाहिर तौर पर बचे हुए तीन दिन 10, 11 और 12 अगस्त को बच्चों को एडमिशन लेना होगा जिसका दबाव स्कूल पर पड़ेगा. एडमिशन के लिए सिर्फ तीन दिन हाथ में होने की वजह से सोमवार को जब कॉलेज खुलेंगे तो छात्र-छात्राओं की भारी भीड़ जमा होगी और तब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना या कराना कॉलेज प्रशासन और पुलिस के चुनौती भरा साबित होगा.
सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर कॉलेजों में एडमिशन के लिए दर्जन भर छात्र भी मुश्किल से पहुंच पाए. शनिवार को मुजफ्फरपुर पुलिस लॉकडाउन का सख्ती से पालन करा रही थी और फालतू निकले बाइक और साइकिल सवारों की पिटाई भी कर रही थी.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना की ओर से इंटर एडमिशन के लिए सभी कॉलेजों की मेरिट लिस्ट जारी की गई है. बिहार बोर्ड ने इंटर यानी अंतर-स्नातक में दाखिले के लिए 8 अगस्त से 12 अगस्त तक एडमिशन की तारीख रखी है. समिति के निर्देश के अनुसार कॉलेज तो खुले थे लेकिन एडमिशन लेने के लिए स्टुडेंट्स नहीं थे.
Input : Hindustan