बड़े स्तरों पर चल रही मुनाफाखोरी से खाद्य पदार्थों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। पिछले एक साल में सरसों तेल की कीमत में करीब सौ रुपये का उछाल आया है। अभी यह 170-180 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। व्यवसायी संगठन से जुड़े दिलीप कुमार का कहना है कि बड़े स्तरों पर यानी दिल्ली, मुंबई में बैठे कॉरपोरेट घराने के लोग अधिक पैसे लगाकर अपना ब्रांड देकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। कोई बोलने वाला नहीं है। वे लोग बड़े पैमाने पर खरीदारी कर अपना ब्रांड बाजार में भेज रहे हैैं।

पिछले साल की तुलना में इस बार कई ब्रांडों के सरसों तेल बाजार में बिक्री हो रहे हैैं। दलहन सहित अन्य सामग्री का भी वहीं हाल है। छोटे किसान सही तौल और ईमानदारी से सामान दे रहे। वहीं ब्रांडेड कंपनियां हर पैकेट पर कम तौल दे रहीं। सौ ग्राम के पैक में 10 से 15 ग्राम तक कम सामग्री है। इससे उपभोक्ता की जेब ढीली हो रही है। इसकी पड़ताल की गई तो मामला सच निकला। एक ब्रांडेड कंपनी के सौ-सौ ग्राम के काजू व बादाम के पैकेट को डिजिटल तराजू पर तौला गया तो उसमें 10 से 15 ग्राम तक कम था। दुकानदार से बात की गई तो उसने असमर्थता जताई। कहा कि ग्राहक अगर लेंगे तो ठीक नहीं लेंगे तो रखा रहेगा। कोई न कोई तो लेगा ही। इस पर सख्ती से रोक लगाने की जरूरत है।

बाजार में आवक सही है, लेकिन केंद्र से ही महंगाई पर कंट्रोल नहीं होने से दाल, सरसों तेल सहित अन्य खाद्य पदार्थ महंगे हो गए हैं। व्यवसायी संगठन से जुड़े दिलीप कुमार ने बताया कि विदेशों से दालें आती है। केंद्र सरकार उस पर 30 फीसद ड्यूटी लगाती है। इससे दालें महंगी होती जा रही हैं। वहीं, महंगाई बढऩे का दूसरा कारण यह भी है कि छोटे कारोबारियों का भंडारण बंद कर बड़े-बड़े कॉर्पोरेट को अनुमति दे दी गई। इससे भी आवश्यक वस्तुएं महंगी हो गई हैं। एक लीटर सरसों तेल के दाम में 30 से 35 रुपये का इजाफा हो गया है। वहीं, लहसुन 80 से 100 रुपये किलो बिक रहा। सभी खाद्य सामग्री के दामों में 20 से 35 रुपये तक का इजाफा हुआ है।

किराना दुकानदारों का 50 लाख का बीमा करें सरकार

लॉकडाउन अवधि में लोगों के बीच खाद्य सामग्री व आवश्यक वस्तुएं किराना दुकानदार पहुंचा रहे हैं। सरकार इनको फस्र्टलाइन कोरोना योद्धा घोषित करें। उन्होंने कहा कि इन लोगों को सरकार 50 लाख का बीमा दें ताकि कोरोना संक्रमण से किसी की मौत होने पर स्वजनों के जीवन की रक्षा हो सके। ग्राहकों से उनका सीधा लेन-देन होता है। इससे कई दुकानदार कोरोना संक्रमण के शिकार हो रहे हैं।

Input: Dainik Jagran

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