टीबी मरीजों के साथ छुआछूत का मामला सामने आया है। जिला यक्ष्मा केंद्र पर इलाज कराने वाले मरीजों को हाथ के बदले बरामदे पर दवा फेंक दी जा रही है। वहां से उनको कहा जाता कि दवा उठाओ और अपने घर जाओ। इस आशय की मिली शिकायत पर जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने जांच का आदेश दिया। आदेश मिलने के बाद जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. अमिताभ कुमार ने दवा वितरण करने वाले दो कर्मियों से जवाब तलब किया। हालांकि उक्त कर्मियों ने अपने स्पष्टीकरण में इस तरह की किसी घटना से इन्कार किया हैै।
इस तरह मामला आया सामने
समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बीते नौ फरवरी को टीबी फोरम की बैठक हुई थी। बैठक में फोरम के मनोनीत सदस्य शाहबाजपुर निवासी गजेंद्र कुमार ने बताया कि जिला यक्ष्मा केंद्र में मरीजों के साथ भेदभाव किया जाता है। काउंटर पर तैनात नर्स मरीजों को दवा हाथ में नहीं देकर फर्श पर फेंक देती हैं। गजेंद्र ने आरोप लगाया कि टीबी अस्पताल की फर्श पर हर दिन सैकडों लोग आते-जाते हैं। ऐसे में दवा फर्श पर फेंके जाने से मरीज के स्वस्थ होने के बदले संक्रमण और अधिक फैल सकता है। फोरम में मामला सामने आने पर जिला यक्ष्मा अधिकारी ने काउंटर पर तैनात दो नर्स से स्पष्टीकरण मांगा है। हालांकि दोनों नर्स ने शो-कॉज के जबाव में शिकायत को नकार दिया है और भविष्य में इस प्रकार की कोई शिकायत नहीं आने का वादा भी किया है।
बोले संचारी रोग पदाधिकारी
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. अमिताभ कुमार ने कहा कि फोरम की बैठक में मामला सामने आने पर दोनों नर्स से स्पष्टीकरण मांगा गया था। जवाब में दोनों ने इस प्रकार की किसी घटना से इन्कार किया है। इसके बाद दोनों को चेतावनी देकर छोड दिया गया।
Source : Dainik Jagran