स्थानीय रेलवे जंक्शन आनेवाली या यहां से गुजरने वाली ट्रेनें एक बार फिर से ओवरलोड चलने लगी हैं। खासकर महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे से आनेवाली ट्रेनें। ऐसा नहीं है कि यह हाल केवल नियमित रूप से चलनेवाली ट्रेनों का है। अभी रेलवे की ओर से जो भी स्पेशल ट्रेेनें गुजरात और महाराष्ट्र के चलाई जा रही हैं, सभी वहां से फुल होकर लौट रही हैं। जबकि इधर से जाते समय लगभग खाली। इतना ही नहीं अहमदाबाद, सूरत, मुंबई और पुणे के लिए जिन यात्रियों ने पहले ही बुकिंग करा ली थी, उनलाेगों ने अब उसे कैंसिल कराना शुरू कर दिया है। ऐसे में लोगों के दिल में एक बड़़ा सवाल है कि क्या हमलोग फिर से लॉकडाउन की ओर जा रहे हैं?
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस बार लॉकडाउन या इस तरह के निर्णय लेने का पूरा अधिकार राज्य सरकार को ही दे रखा है। जो अपनी स्थानीय जरूरतों को देखते हुए निर्णय लेती है। यदि उसको देखा जााए तो अभी सीएम नीतीश कुमार ने नाइट कर्फ्यू या लॉकडाउन लेने सेे इंकार किया है। लेकिन, उन्होंने लगातार स्थिति की समीक्षा करने की बात कही है। हालांकि जानकार इसको शुरुआत मानते हैं। उनका कहना है कि पिछली बार भी जनता कर्फ्यू से शुरू होकर लाॅकडाउन की एक सीरीज शुरू हो गई थी।
खासकर, जिस तरह से शाम को सात बजे के बाद से दुकानों को बंद रखने और लोगों को घरों में ही रहने का आदेश जारी किया गया है। इसके बाद लोगों के मन में इस बात की आशंका है कि हो न हो इसका अलगा चरण, लॉकडाउन के रूप में सामने आए। वैसे विगत सप्ताह के दौरान संक्रमण की रफ्तार भी काफी तेज रही है। इस हालत ने लॉकडाउन की आशंका को बल दिया है। लेकिन, जब तक आधिकारिक रूप से कुछ न कहा जाए, लॉकडाउन कहना उचित नहीं होगा।
महाराष्ट्र से एक स्पेशल ट्रेन से यहां पहुंचे यात्री ने कहा कि दूसरी बार ऐसा हो रहा है रोजगार छोड़कर आया हूं। फेज एक भी इसी तरह भाग कर आया था। अब बहुत हो गया। यहां बिहार में रहकर ही रोजी की तलाश करूंगा। वहां की स्थिति बहुत खराब है। कई लाेेग रोज मर रहे हैं।
Input: Live Hindustan