शहर के गोशाला में बीते 34 दिनों रहे 17 ऊंट को पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी सहारा देंगी। पूर्व मंत्री की संस्था पीपल फॉर एनिमल्स ने इन सभी ऊंटों की देखभाल करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को दिया है। इसके लिए संस्था ने प्रशासन के सामने एक शर्त रखी है। इसके अनुसार प्रशासन को इन ऊंटों को सुरक्षित राजस्थान के सिरोही स्थित उनके कैंप में पहुंचाना होगा।

 

प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। ऊंट को भेजने में ट्रांसपोटिंग खर्च बाधक बन रही है। इसके लिए फंड उपलब्ध कराने को डीएम आलोक रंजन घोष ने पशुपालन विभाग के पटना मुख्यालय को पत्र लिखा है। फंड उपलब्ध होने के बाद ऊंटों को संस्था के सिरोही कैंप में भेज दिया जाएगा।

एक ऊंट की हो चुकी है मौत

त’स्करी कर 18 ऊंटों को बांगलादेश ले जाया जा रहा था। आठ नवंबर को पुलिस ने कांटी इलाके में इनको तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया था। विभाग के अनुसार, लाने के क्रम में एक ऊंट की मौत हो गई थी।
प्रक्रिया पूरी होने तक ऊंटों को बचाना चुनौती

जिला पशुपालन विभाग के अनुसार, सरकारी प्रक्रिया जबतक पूरी होगी तब तक इन ऊंटों को बचना चुनौती होगी। इनके स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ रही है। ऊंट खुद को यहां के वातावरण में ढाल नहीं पा रहे हैं। इस कारण खाना-पीना काफी कम कर दिया है। ऊंट पीपल, बबुल व अन्य वृक्षों के पत्ते ही खा रहे हैं। भूसा व अन्य सामग्री नहीं के बराबर खा रहे हैं। ऐसे में अगर अधिक दिनों तक ऊंट को इस हालात में रखा गया तो यह खतरनाक साबित हो सकता है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की संस्था ने ऊंट के भरण-पोषण व बेहतर इलाज कराने की इच्छा जतायी है। सभी ऊंट को राजस्थान के सिरोही कैंप भेजने को कहा गया है। इनको भेजने की तैयारी की जा रही है।

Input : live hindustan

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