मुजफ्फरपुर : करजा थाना क्षेत्र के एक गांव में तीन साल पहले 14 वर्षीया किशोरी के साथ चार लोगों द्वारा अलग-अलग दुष्कर्म करने के मामले में दोषी बसावन के सजा के ¨बदु पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद एडीजे-सात व विशेष पाक्सो न्यायाधीश ने उसे पाक्सो एक्ट की धारा-4 के तहत दस वर्ष का कठोर कारावास, 50 हजार रुपये जुर्माना एवं आइपीसी की धारा के तहत दो वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। जुर्माना की राशि नहीं देने पर उसे एक वर्ष अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी। विशेष कोर्ट ने पीड़िता को बिहार प्रतिकर स्कीम के तहत लाभ देने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को अनुशंसा भेजी है।
मामले के सत्र विचारण के बाद विशेष पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने 16 अगस्त को उसे दोषी करार दिया था। इस मामले में चले एक अलग सत्र-विचारण में विशेष कोर्ट ने लखीद्र ठाकुर को भी दोषी करार दिया था। उसके सजा के बिंदु पर 20 अगस्त को सुनवाई की जानी थी, लेकिन मोहर्रम की छुट्टी के कारण अब 21 अगस्त को सुनवाई होगी। दो अन्य आरोपितों के किशोर होने के कारण उसका मामला किशोर न्याय परिषद (जेजे बोर्ड ) को सौंप दिया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो) अजय कुमार ने बसावन के खिलाफ नौ गवाहों को कोर्ट में पेश किया था।
चार-पांच माह बाद किशोरी को उबकाई आई तो मामला आया सामने : दुष्कर्म के चार-पांच माह बाद किशोरी को उबकाई आनी शुरू हुई। स्वजनों को शक हुआ तो उससे पूछताछ की। किशोरी ने बताया कि चार आरोपित उसे धमकी देकर अलग-अलग समय में आकर दुष्कर्म करता था। धमकी के डर से वह कुछ नहीं बता पाती थी। मामला सामने आने पर उसके पिता ने 22 फरवरी 2018 को करजा थाना में चारों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई।
आरोप लगाया कि पांच-छह माह से चारों उसे घर में अकेला पाकर दुष्कर्म करता था। आरोपित उसके गांव के ही है। उसे धमकी देता था कि अगर किसी को बताई तो स्वजनों की हत्या कर देगा। प्राथमिकी में उन्होंने बेटी के गर्भवती होने की आशंका जताई थी। पुलिस ने चिकित्सीय जांच कराई तो उसके गर्भवती होने की पुष्टि हुई। बाद में वह एक पुत्र को जन्म दी। उसका पुत्र जीवित है। कोर्ट में गवाही के दौरान वह पुत्र के साथ आई थी।
Source : Dainik Jagran