बिहार पर कोरोना के साथ-साथ अब बाढ़ का भी खतरा मंडराने लगा है. मुजफ्फरपुर में बाढ लगातार अपने पांव पसार रहा है. बागमती नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कटरा के कई गांवों में पानी घुस गया है. बगुची में बागमती पर बने पीपा पुल से आवागमन बाधित हो गया है. कई जगहों पर पीपा पुल क्षतिग्रस्त है और चचरी डालकर लोग आवाजाही करते थे. नदी की धारा तेज हो जाने के कारण जान जोखिम में डालकर पैदल साइकिल या बाईक से लोग आ जा रहे हैं. चार पहिया वाहनों का आवागमन तो पूरी तरह से ठप्प हो गया है.

कटरा प्रखंड के 14 पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से सीधा संपर्क टूट गया है. कटरा के कटाई, यजुआर लखनपुर, तेहवारा, पहसौल, खंगुरा, चंगेल, बर्री, बंधपुरा, बेलपकौना, बसघट्टा आदि पंचायतों की करीब सवा लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है. प्रखंड या जिला पहुंचने के लिए लोगों को दोगुनी से ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है. पुल खतरनाक हो जाने के कारण बाढ़ के आंकलन और राहत बचाव की समीक्षा के लिए पदाधिकारी भी इन इलाकों में नही पहुंच पा रहे हैं.

इसके अलावा औराई और गायघाट के इलाकों में भी पानी फैल रहा है. औराई के मधुबन प्रताप और अतरार पंचायतों में कई चचरी पुल बह गए हैं जिससे कई गांवों के लोगों का बाहर निकलना दूभर हो गया है. गायघाट में भी बागमती में जलस्तर बढ़ जाने से भटगामा समेत कई गांवों में पानी घुस गया है. बाढ़ का प्रकोप बढ़ जाने से सब्जी की सैंकडो एकड़ की फसल का नुकसान हो गया है. बाढ़ के कारण चापाकलों का जल भी प्रदूषित हो गया है जिससे लोग अशुद्ध पानी पीने को विवश हैं और बीमारी की आशंका से डरे हुए हैं. इस मामले में एसडीओ पूर्वी कुंदन कुमार ने कहा है कि प्रशासन बाढ़ को लेकर पूरी तरह से सतर्क है. इलाकों में राहत-बचाव कार्य की आवश्यक तैयारी जोर-शोर से चल रही है.

Input : News18

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