कोरोना का टीका लेने सदर अस्पताल जा रहे सुबोध की पुलिस ने सरैयागंज टावर पर बिना पूछे पिटाई कर दी। जब उसे अपने मोबाइल पर आए मैसेज को दिखाकर निकलने का कारण बताया तो उसके साथ गाली-गलौज की गई। प्रशासन से अनुमति लेकर जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन की सेवा देने वाले भरत तुलस्यान के साथ पुलिस ने अभद्र व्यवहार किया।

जवाहर लाल रोड निवासी अरुण कुमार दवा लेने पंकज मार्केट निकले थे, टावर चौक पर पुलिस वालों ने निकलने का कारण पूछे बिना लाठी बरसा दिया। उन्होंने डाक्टर का पुर्जा दिखाया बावजूद उनसे फाइन वसूल किया गया। सूतापट्टी के शुभम तुलस्यान कोरोना का टीका लेने जा रहे थे। जब पुलिस ने रोका तो कारण बताया, मगर उनपर डंडे चटका दिए। बैंक जा रहे अमित के साथ पंकज मार्केट के समीप पुलिसकर्मियों ने अभद्र व्यवहार किया।

पुलिस की ऐसी हरकतों से लोग नाराज हैं। कई लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी पीड़ा शेयर की तो कई ने डीजीपी से लेकर पुलिस के वरीय अधिकारियों से शिकायत की है। भरत ने कहा कि वे मानवता की सेवा में लगे थे लेकिन पुलिस के व्यवहार से उनकी हिम्मत जवाब दे गई है। बताने के बाद भी पुलिस के एक वरीय पदाधिकारी का रवैया ठीक नहीं रहा। सबसे दुख की बात यह रही कि ऑक्सीजन की जरूरत पडऩे पर उन्होंने पुलिस वालों की भी मदद की थी। लोगों की शिकायत पर वहां पहुंचे वार्ड 20 के पार्षद ने पुलिस द्वारा बिना पूछे राहगीरों की पिटाई करने का विरोध किया। इधर, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इमरजेंसी सेवा वाले पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कागजात नहीं रखने वाले लोगों से जुर्माने लिए जाते हैं।

प्रशासन बताए लोग टीका व दवा लेने जाएं या नहीं

वार्ड पार्षद संजय केजरीवाल ने कहा कि जिला प्रशासन यह तय करे कि लॉकडाउन के दौरान शहरवासी टीकाकरण केंद्रों पर जाए या नहीं। दवा लेने कोई निकले या नहीं। यदि नहीं निकलता है तो टीकाकरण अभियान का क्या फायदा। अनावश्यक निकलने वालों पर जरूर सख्ती हो। इसका कोई विरोध नहीं करेगा, लेकिन जो टीका लेने, दवा खरीदने, बैंक संबंधी जरूरी काम से निकलने वालों पर पुलिस लाठी चलाए और गाली-गलौज करे, यह ठीक नहीं है।

Input: Dainik Jagran

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