जिले में बिना लक्षण के भी कोरोना मरीज मिल रहे हैं। इससे स्वास्थ्य अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। जिला कोरोना जांच के नोडल अधिकारी डॉ. अभिताभ कुमार सिन्हा ने बताया कि पिछले तीन दिनों में कोरोना के 70 ऐसेे मरीज मिले हैं, जिनमें कोरोना के सामान्य लक्षण नहीं थे। यह वैसे लोग हैं, जो लखनऊ व दिल्ली से जिले में आए थे। किसी को बुखार, खांसी, सांस की शिकायत नहीं थी। उनको यह पता भी नहीं था कि वे कोरोना संक्रमित होकर घूम रहे हैं। यह हालत और भी खतरनाक है। ऐसे मरीजों के कारण शहर से लेकर गांव तक कोरोना का फैलाव तेजी से हो रहा है।

मिल रहे तीन तरह के लक्षण वाले मरीज

डॉ.सिन्हा के मुताबिक, तीन तरह के लक्षण वाले मरीज मिल रहे हैं। पहला है सिमटोमेटिक। ये ऐसे लोग हैं जिनमें कोरोना के लक्षण देखने को मिले और फिर उन्होंने दूसरों को संक्रमित कर दिया। दूसरे वैसे मरीज हैं जो प्री सिमटोमेटिक हैं। ये वायरस से संक्रमित होने और लक्षण दिखने के बीच की स्थिति वाले मरीज हैं। इनसे भी कोरोना का संक्रमण फैल सकता है, इसकी समय सीमा 14 दिन की होती है। इनमें सीधे तौर पर कोरोना के लक्षण नहीं दिखते, लेकिन शुरुआती दिनों में हल्का बुखार, बदन दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। तीसरे तरह के मरीज हैं ए सिमटोमेटिक, जिनमें किसी तरह के लक्षण नहीं होते, लेकिन वे कोरोना पॉजिटिव होते हैं और संक्रमण फैला सकते हैं।

अन्य जगहों में भी ए सिमटोमेटिक मामले देखने को मिले हैं। तीनों लक्षण वाले मरीज बीमारी के वाहक हैं लेकिन इनमें बिना लक्षण वाले ज्यादा खतरनाक बनकर सामने आ रहे हैं। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति बाहर से आता है तो उसकी कोरोना जांच कराएं। लक्षण हो या नहीं, इससे कोरोना की चेन तोडऩे में मदद मिलेगी। अगर लक्षण है तो बाहर नहीं निकलें, अपने घर में क्वारंटाइन हो जाएं।

Input: Dainik Jagran

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